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FWICE की तुर्किये कंटेंट बॉयकॉट की अपील: OTT प्लेटफॉर्म्स पर रोक की मांग!

फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉयज (FWICE) ने हाल ही में ओटीटी प्लेटफार्मों से तुर्किये के कंटेंट का बहिष्कार करने की दृढ़ अपील की है। इसका कारण भारत और तुर्किये के बीच बढ़ते तनाव को बताया गया है। FWICE ने पहले ही भारतीय प्रोड्यूसरों से तुर्किये की फिल्मों और शोज का बहिष्कार करने का अनुरोध किया था। FWICE के मुख्य सलाहकार अशोक पंडित ने बुधवार को एक पत्र के माध्यम से सभी भारतीय फिल्म निर्माताओं को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि उन्हें तुर्किये को शूटिंग स्थान के रूप में चुनने से पहले गंभीरता से विचार करना चाहिए। उनका यह बयान तुर्किये द्वारा पाकिस्तान के प्रति बढ़ते समर्थन के संदर्भ में आया है, जिससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और हित प्रभावित हो रहे हैं।

पंडित ने अपने पत्र में यह स्पष्ट किया कि FWICE हमेशा से ही राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को सबसे पहले मानता है। उन्होंने कहा कि हालिया घटनाक्रम और तुर्किये का समर्थन, खासकर पाकिस्तान के प्रति, सुरक्षा चिंताओं को जन्म दे रहा है। उन्होंने कहा, “भारतीय फिल्म उद्योग के लिए यह जरूरी है कि वह किसी भी ऐसे देश के साथ सहयोग न करे, जो अप्रत्यक्ष रूप से भारत के विरुद्ध हो।” उनका यह भी कहना था कि तुर्किये का रुख सिर्फ कूटनीतिक ही नहीं, बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी भारत के हितों के खिलाफ है।

अगर भारतीय दर्शकों की बात करें, तो तुर्किये के कई शो भारत में अत्यधिक लोकप्रिय हुए हैं। जैसे ‘डे ड्रीमर’, ‘एंडलेस लव’, ‘लव इज़ इन द एयर’ और ‘गोल्ड बॉय’ जैसे शो भारतीय ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर दर्शकों के बीच काफी पसंद किए जा रहे हैं। ये शो भारतीय दर्शकों के दिलों में अपनी एक खास जगह बना चुके हैं, लेकिन FWICE का मानना है कि इस समय तुर्किये के कंटेंट का समर्थन करना उचित नहीं है।

FWICE का यह कदम दर्शाता है कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा को सर्वोपरि मानती है। अशोक पंडित ने स्पष्ट किया है कि भारतीय संस्कृति और मिट्टी से यह उद्योग गहराई से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसे किसी भी ऐसे रुख से प्रभावित नहीं होना चाहिए जो देश की गरिमा को कमजोर करने का काम करे। उन्होंने अंत में यह भी कहा कि इंडस्ट्री को अपने काम में वापसी के लिए मजबूत स्थिति बनाए रखनी चाहिए और विदेशों के साथ सहयोग करते समय सतर्क रहना चाहिए।

इस प्रकार, FWICE की अपील एक ऐसी गंभीर समस्या की ओर इंगित करती है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और फिल्म इंडस्ट्री के हित जुड़ते हैं। इसके माध्यम से वह एक स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं कि अब समय आ गया है कि भारतीय फिल्म निर्माताओं को विदेशी सहयोग और कंटेंट के चयन में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

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