फाजिल्का में हंगामा: पुल की ऊंचाई और पानी की कमी पर किसान करेंगे हाईवे जाम!
फाजिल्का में आज किसानों ने नहरी विभाग के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया। रामकोट गांव के निकट 12 मासी नहर कमालवाला माइनर पर इकट्ठा हुए किसानों ने गंभीर समस्याओं के प्रति अपना रोष व्यक्त किया। किसानों का कहना है कि नहर पर निर्मित पुल बहुत नीचा है, जिसके कारण नियमित सफाई नहीं हो पाती, जिससे नहर में टूटने की घटनाएं बढ़ गई हैं। इसके अलावा, उन्हें कुल मिलाकर नहरी पानी की भी कमी का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धिपुर के ब्लॉक प्रधान, सुखवीर सिंह ने कहा कि इस नहर में नहरी पानी की आपूर्ति पर्याप्त नहीं हो रही है और पुल की ऊँचाई केवल ढाई फुट रखी गई है, जो समस्या को और बढ़ाता है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ समय में नहर दो बार टूट चुकी है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पुल की लंबाई अधिक होने के कारण नहर की सफाई करना भी मुश्किल हो गया है।
किसान नेताओं ने प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए कई बार मांग पत्र प्रस्तुत किए हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। हाईवे वालों का तर्क है कि नहरी विभाग ने उन्हें जो लिखित में निर्देश दिए थे, उसी के अनुसार काम हुआ है। वहीं नहरी विभाग का कहना है कि उनके द्वारा कोई लिखित में निर्देश प्रदान नहीं किए गए, जिससे किसान प्रभावित हो रहे हैं।
किसानों ने इस स्थिति के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुल का नीचा होना सफाई की प्रक्रिया को और जटिल बना रहा है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि नहरी पानी की पूरी मात्रा प्रदान की जाए और पुल की ऊँचाई को बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं। सुखवीर सिंह ने चेतावनी दी कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो वे हाईवे को जाम करने का निर्णय लेने के लिए बाध्य होंगे।
किसानों का यह धरना प्रदर्शन न केवल उनकी भलाई के लिए, बल्कि उनके अधिकारों के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। इस स्थिति को देखते हुए, प्रशासन का यह दायित्व बनता है कि वे किसानों की समस्याओं का समाधान करें ताकि उन्हें आगे भी ऐसी समस्याओं का सामना न करना पड़े। यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो यह आंदोलन और बढ़ सकता है, जिससे और भी गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।