चंडीगढ़ में आज सेक्टर-25 झुग्गियों पर प्रशासन का बुलडोजर, लोग बेघर होने के कगार पर!
चंडीगढ़ के प्रशासन ने शहर को स्लम फ्री सिटी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सेक्टर-25 की झुग्गी बस्ती को हटाने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया के तहत, मंगलवार को यहां बुलडोज़र चलाने की योजना बनाई गई है। प्रशासन ने पहले से ही झुग्गी निवासियों को नोटिस देकर उन्हें अपने-अपने घरों को खाली करने के लिए कहा है। कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के दृष्टिकोण से भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहेगा। सोमवार को स्थानीय निवासी अपने-अपने सामान को टैंपो में लादते हुए देखे गए। कई लोग लोहे की चादरें, ईंटें और अन्य जरूरी घरेलू सामान बाहर निकालते दिखे, ताकि वे कहीं और नए आश्रय की व्यवस्था कर सकें।
इससे पहले भी प्रशासन ने इंडस्ट्रियल एरिया फेज-1 के अंतर्गत संजय कॉलोनी पर बुलडोज़र चलाया था। अधिकारियों का कहना है कि चंडीगढ़ को स्लम फ्री बनाने के लिए अवैध कॉलोनियों का उन्मूलन किया जा रहा है। लेकिन झुग्गी बस्ती के निवासियों में डर और चिंता का माहौल है। सेक्टर-25 में रहने वाले मुकेश ने बताया कि यहां हजारों लोग निवास करते हैं और यदि कॉलोनी को हटाया गया, तो सभी बेघर हो जाएंगे। सुनीता नाम की एक महिला ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “हम किराया देने की स्थिति में नहीं हैं। अब हमें कहा जाना है, यह समझ नहीं आ रहा है। हमारे पास वोटर कार्ड जैसे सभी जरूरी दस्तावेज हैं, फिर भी हमें कोई आश्रय नहीं दिया गया।”
स्थानीय लोगों ने स्पष्ट तौर पर मांग की है कि उन्हें रहने के लिए घर दिया जाए। उनका कहना है कि उनके बच्चे सेक्टर-25 के स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं। अगर झुग्गियां हटा दी गईं, तो उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट होना पड़ेगा और इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। झुग्गी निवासियों ने शिकायत की है कि प्रशासन के द्वारा उचित विकल्प दिए जाने की आवश्यकता है, ताकि उन्हें उनके बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता न करनी पड़े।
महिलाओं ने भी आवाज उठाई है कि उन्हें भी स्थायी मकान मिलना चाहिए, क्योंकि यह उनकी भी आवश्यकता है। कॉलोनी के नागरिकों में उत्साह का अभाव है और कई परिवार पहले ही झुग्गियां छोड़कर झामपुर, दरिया या मोहाली की तरफ पलायन कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वे जहां भी जगह पाएंगे, वहीं फिर से झुग्गी बनाकर रहने को मजबूर होंगे। प्रशासन की यह कार्रवाई भले ही विकास की दिशा में एक कदम हो, लेकिन स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और उनकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसे सही तरीके से समझने और समाधान निकालने की आवश्यकता है।