तुर्की की कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में 20 मई को भी सुनवाई
तुर्की की कंपनी सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में 20 मई को भी सुनवाई
नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। देश के एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग का काम करने वाले तुर्की के कार्गो ऑपरेटर सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का ऑपरेशन सिंदूर के बाद सिक्योरिटी क्लीयरेंस निरस्त करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट 20 मई को भी सुनवाई करेगा। केंद्र के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर आज दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने आंशिक सुनवाई के दौरान कहा कि सॉरी बोलने से अच्छा है कि सुरक्षित रहें।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दुश्मन दस बार कोशिश कर सकता है और एक बार सफल हो सकता है, लेकिन देश को हर बार सफल होना होगा। इस पर कोर्ट ने कहा कि सॉरी कहने से अच्छा है कि सुरक्षित रहें। सुनवाई के दौरान तुर्की की कंपनी सेलेबी की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सार्वजनिक धारणा के आधार पर किसी का नियोजन नहीं छीना जाना चाहिए। सेलेबी कोई बदनाम कंपनी नहीं है। वो भारत में 17 सालों से काम कर रही है। रोहतगी ने कहा कि कंपनी का सिक्योरिटी क्लियरेंस निरस्त करने के पहले नोटिस नहीं दी गई।
सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि सिक्योरिटी क्लियरेंस निरस्त करने के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि एयरक्राफ्ट सिक्योरिटी रुल्स का नियम 12 संभावित खतरे को देखते हुए लाईसेंस निरस्त करने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि कांट्रैक्ट दो तरह के हैं। एक एयरपोर्ट हैंडलिग और दूसरा कार्गो हैंडलिंग। ये दोनों काफी संवेदनशील हैं, क्योंकि कंपनी में काम करने वालों को एयरपोर्ट का सब कुछ पता होता है।
सेलेबी की याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार का उसे प्रतिबंधित करने का फैसला मनमाना और बिना ठोस वजह के है। नागरिक विमानन मंत्रालय ने ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन (बीसीएएस) के जरिये कार्रवाई करते हुए सेलेबी का सिक्योरिटी क्लियरेंस 15 मई को वापस ले लिया है। सेलेबी का सिक्योरिटी क्लियरेंस राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर वापस लिया गया है। याचिका में कहा गया है कि सेलेबी का सिक्योरिटी क्लीयरेंस वापस लेने का आदेश देने के पहले उसे न तो कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही कोई पक्ष पूछा गया।
सेलेबी ने कहा है कि भारत सरकार का फैसला भ्रमपूर्ण और बेवजह है। सरकार के इस फैसले से विदेशी निवेशकों का भरोसा डगमगा जाएगा और इससे 3800 भारतीय कर्मचारियों पर असर पड़ेगा। याचिका में कहा गया है कि सेलेबी पर मालिकाना हक भले ही तुर्की की है, लेकिन इसका प्रबंधन और नियंत्रण भारतीय टीम के हाथ में है। सेलेबी ने कहा है कि भारत के एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग का उसका करीब एक दशक का ट्रैक रिकॉर्ड साफ-सुथरा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय