पापा दरोगा, IAS-IPS का जलवा देखा: UPSC टॉपर शक्ति का बड़ा खुलासा!
प्रयागराज की रहने वाली शक्ति दुबे ने देश में UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। शक्ति के पिता देवेंद्र दुबे पुलिस में कार्यरत हैं, और उनके साथ अफसरों के संपर्क में रहकर शक्ति ने प्रशासनिक सेवाओं की ओर अपना रुख किया। उन्होंने कहा, “मेरे पापा पुलिस में हैं, और हमेशा IAS-IPS अधिकारियों के पास जाते थे। उनके साथ मैंने अफसरों की शक्ति और प्रभाव देखा, और मैंने ठान लिया कि मुझे भी IAS बनना है। मेरे लिए डॉक्टर या इंजीनियर बनने का विचार नहीं था, मेरा लक्ष्य स्पष्ट था।” 23 अप्रैल को जब परिणाम घोषित हुआ, तो शक्ति ने पहले इसे फर्जी मान लिया, लेकिन बाद में जब उनके इंस्टीट्यूट से पुष्टि हुई, तब उन्हें विश्वास हुआ कि उन्होंने टॉप किया है।
शक्ति ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि जब वह रिजल्ट का इंतजार कर रही थीं, तो उन्हें डर भी था कि कहीं उनकी मेहनत सफल न हो। उन्होंने कहा, “मैंने अपने पिताजी को फोन किया और कहा कि उनका सपना पूरा हुआ। मैं सिलेक्ट हो गई हूं।” शक्ति ने यह भी साझा किया कि एग्जाम और इंटरव्यू के दौरान उनके आत्मविश्वास ने उन्हें आश्वस्त रखा था, लेकिन परिणाम को लेकर चिंतित रहीं। वह कहती हैं, “मेरे लिए महत्वपूर्ण यह था कि मेरा नाम लिस्ट में होगा या नहीं।”
शक्ति ने अपनी पढ़ाई की दिनचर्या के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी टाईम चेक करके पढ़ाई नहीं की। कभी 6 घंटे तो कभी 8 घंटे तक पढ़ाई करते हुए उनका एकमात्र ध्यान अपने अध्ययन पर केंद्रित था। वह कहती हैं, “स्ट्रेटजी यह थी कि पढ़ाई को पूरी शक्ति से करें।” इंटरव्यू के दौरान प्रयागराज से जुड़े सवालों के साथ-साथ देश के राजनीतिक मुद्दों पर भी सवाल पूछे गए थे। शक्ति ने अपने उत्तरों को अच्छे तरीके से प्रस्तुत किया और इस प्रक्रिया में उन्हें कोई कठिनाई नहीं हुई।
उनकी माता, प्रेमावती दुबे ने जब उनकी सफलता को देखा, तो आंसुओं से भर गईं। शक्ति के घर पहुंचते ही उन्होंने आरती उतारी और मिठाई खिलाई। शक्ति परिवार की तीसरी संतान हैं, बड़ी बहन प्रगति भी UPSC की तैयारी कर रही हैं और छोटी बहन क्षमा अभी पढ़ाई कर रही हैं। शक्ति के पिता देवेंद्र दुबे ने कहा, “मुझे तो बस विश्वास था कि वह कुछ बनेगी, लेकिन यह नहीं सोचा था कि वह UPSC टॉपर बनेगी। यह सब भगवान की कृपा है।”
शक्ति ने उन सभी छात्रों को जो UPSC की तैयारी कर रहे हैं, एक संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि हर छात्र अपनी तैयारी में मेहनत करता है, लेकिन छोटी-छोटी गलतियों के कारण असफलता का सामना करना पड़ता है। लेकिन, इससे हार मानना नहीं चाहिए। “हमें अपनी गलतियों को पहचान कर सुधारना होगा। UPSC सिर्फ एक परीक्षा है, इसलिए इसके लिए तनाव में नहीं रहना चाहिए,” उन्होंने कहा। शक्ति का यह विचार छात्रों में आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच को बढ़ाने के लिए प्रेरणादायक है।
शक्ति का जीवन और सफलता की कहानी सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। उनके संघर्ष, मेहनत और समर्पण ने यह साबित कर दिया है कि अगर मन में ठान लिया जाए, तो हर लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। आशा है कि शक्ति दुबे की यह सफलता दूसरों को भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करे।