काशी गैंगरेप: सेक्स-ड्रग्स नेटवर्क का राज, 15 लड़के कैसे बने ब्लैकमेलिंग के एजेंट?
वाराणसी में हाल ही में एक दुष्कर्म की घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। एक छात्रा को अगवा किया गया और उसे लगातार 6 दिनों तक बुरी तरह प्रताड़ित किया गया। इस दौरान उसके साथ 23 लोगों ने दुष्कर्म किया। आरोप है कि उसे नशे में डालने के लिए ड्रग्स का उपयोग किया गया। वाराणसी पुलिस ने इस मामले में विशेष कार्रवाई की है और इस दुष्कर्म के मुख्य आरोपी अनमोल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है। अनमोल ने एक सेक्स रैकेट का संचालन किया, जिसमें उसके द्वारा बनाए गए 15 एजेंट्स शामिल थे। पुलिस ने अगवा की गई छात्रा को और गिरोह के सदस्यों को पकड़ने के लिए कई होटल और कैफे की लोकेशन की पहचान की है।
अनमोल गुप्ता, मीरापुर बसही के अशोक पुरम कॉलोनी का निवासी है और उसकी पहचान पहले चाऊमीन बेचने वाले के रूप में हुई थी। उसने 2018 में सिगरा में ठेला लगाना शुरू किया और धीरे-धीरे एक कैफे खोला, जहां फास्ट फूड के साथ-साथ नशा भी परोसा जाता था। उसकी योजना थी कि कैफे में आने वाली लड़कियों को नशे में धुत करके उनके साथ दुष्कर्म किया जाए और इसके बदले में उन लड़को से कमीशन लिया जाए, जो उसके लिए लड़कियों को लाते थे। अनमोल का गिरोह इस नापाक धंधे में 20 लड़कियों को शामिल करने में सफल रहा था।
पुलिस की जांच में सामने आया कि अनमोल ने अपनी योजना को शुरू करते समय पहले 5 युवकों को अपने गिरोह में शामिल किया, जिन्होंने बाद में अन्य लड़कों को भी इस धंधे में जोड़ा। वह लड़कियों को मुफ्त ड्रग्स देकर उन्हें एडिक्ट बनाता था, जिसके बाद उन लड़कियों को दुष्कर्म के लिए तैयार किया जाता था। अनमोल की इस काली कमाई ने उसे एक आलीशान जीवन जीने का अवसर दिया, जिसके तहत उसने महंगी गाड़ियां, स्मार्टफोन और रियल एस्टेट में निवेश किया था।
पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले में शामिल 14 अन्य फरार आरोपियों की जानकारी भी जुटाई है, जिनमें से 3 की पहचान की जा चुकी है। इस जांच के दौरान, पुलिस ने छात्रा को 4 अप्रैल को उसके लापता होने के बाद बेहोशी की हालत में उसके घर पहुंचाया। उसके पिता के अनुसार, उसकी बेटी को 29 मार्च को अगवा किया गया था और 6 दिन बाद कैफे से सड़क के किनारे फेंक दिया गया था। इस घटना ने परिवार में भय और आतंक का माहौल उत्पन्न कर दिया है।
इस मामले ने न केवल वाराणसी बल्कि पूरे देश के नागरिकों को झकझोर कर रख दिया है। इसे लेकर लोगों में गहरी नाराजगी और भय व्याप्त है। स्थानीय कार्यकर्ताओं और संगठन ने आवाज उठाई है कि ऐसी जघन्य घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और समाज को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। छात्रा की मानसिक और शारीरिक स्थिति को बेहतर करने के लिए विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों ने मदद का हाथ बढ़ाया है।
इस पूरी घटना ने न केवल法律 व्यवस्था की कमी को उजागर किया है, बल्कि समाज के उन पहलुओं पर भी नए सिरे से चर्चा करने की जरूरत पेश की है, जो ऐसे अपराध को बढ़ावा देते हैं। यह सभी के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा और ऐसे अमानवीय कृत्यों के खिलाफ आवाज उठानी होगी।