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तीन साल से फरार ठगी के मास्टरमाइंड दंपत्ति गिरफ्तार, बेटी के फोन ने खोली पोल!

उच्च रिटर्न की स्कीम में निवेश के नाम पर लोगों से ठगी करने के आरोप में पुलिस ने एक पति-पत्नी को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी, जो पिछले तीन साल से फरार थे, अब उत्तर प्रदेश के एक किराए के घर में रह रहे थे। उनकी गिरफ्तारी की कार्रवाई दो चरणों में हुई, जिसमें पुलिस ने मुख्यतः एक मोबाइल के लोकेशन की मदद ली जो आरोपी की बेटी द्वारा बेचा गया था। इनकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने 10-10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था। गिरफ्तार हुए दंपत्ति का नाम पवन जैन (45) और मैना देवी (43) है, और ये मूल रूप से भीलवाड़ा के सरसिया तहसील के निवासी हैं।

यह पूरी कहानी तब शुरू होती है जब पवन जैन, जो केंद्रीय विद्यालय झालावाड़ में शिक्षक थे, को ऑनलाइन ट्रेडिंग का शौक लगा। उन्होंने अपनी सैलरी को शेयर और विदेशी मुद्रा में निवेश करना शुरू किया। उन्होंने पहले Octa Fx नामक एक ब्रोकर के माध्यम से कारोबार किया और फिर और ज्यादा लाभ के लिए Nord Fx कंपनी के ब्रोकर के साथ व्यापार किया। शुरू में तो पवन जैन ने अपने निवेशकों को समय पर भुगतान किया, लेकिन बाद में उन्होंने लगभग 10 करोड़ रुपये ट्रेडिंग में लगा दिए। इसके बाद, जब Nord Fx ब्रोकर ने भुगतान करना बंद कर दिया, तो पवन और उसकी पत्नी को भागना पड़ा।

पुलिस ने उनकी तलाश में कई बार छापेमारी की, लेकिन आरोपी दंपत्ति अपने मोबाइल और बैंक खातों को बंद करने के कारण खोजने में नहीं आए। इस बीच, अदालत ने उनके खिलाफ स्थायी गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया। दिसंबर में, उन्हें भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया भी शुरू हुई थी। अंततः पुलिस ने तकनीकी जानकारी के आधार पर पवन जैन द्वारा बेचे गए एक मोबाइल फोन की मदद से उनकी लोकेशन का पता लगाया। लोकेशन ने संकेत दिया कि आरोपी दंपत्ति लखनऊ में हैं।

पुलिस ने लखनऊ पहुंचकर दोनों को गिरफ्तार किया। वहां पवन जैन ट्यूशन पढ़ा रहा था जबकि उसकी पत्नी सिलाई का काम कर रही थीं। दोनों ने एक साल तक नागपुर में भी फरारी बिताई थी। आरोपी दंपत्ति ने 2018 में एक पीड़ित व्यक्ति से सम्पर्क किया था, जिसने वर्ष 2020 में उन्हें उच्च रिटर्न की स्कीम में इन्वेस्ट करने को कहा और बाद में 18 लाख रुपये का निवेश कराया। जब पीड़ित ने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने उसे फंसाने की धमकी दी।

इस तरह से ठगों का यह गिरोह बड़ी चतुराई से काम कर रहा था, लेकिन पुलिस की पूछताछ और तकनीकी जानकारियों की मदद से उन्हें अंततः पकड़ लिया गया। अब यह देखना बाकी है कि क्या न्यायालय उन्हें उचित दंड दे पाता है या नहीं। ये मामला उन सभी के लिए एक सबक है जो जल्दी और आसान पैसे कमाने की लालसा में बिना सोचे-समझे निवेश करते हैं।

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