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मेरठ में प्रेमी ने सांप से किया जागरण का सौदा, सपेरा भी चौंका!

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक पत्नी ने अपने पति की गला घोंटकर हत्या करने के बाद उसे सांप से डसवाने की कोशिश की। यह मामला बहसूमा थाना क्षेत्र के अकबरपुर सादात गांव का है, जहां पर पति अमित कश्यप को 15 अप्रैल को चारपाई पर मृत पाया गया। प्रारंभ में यह मामला सांप के काटने से मौत का बताया गया, लेकिन पुलिस की जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने एक खौफनाक सच को उजागर किया।

पुलिस ने जांच में यह पता लगाया कि पिछले चार दिनों में पत्नी रविता और उसके प्रेमी अमरदीप ने मिलकर इस हत्या की योजना बनाई थी। वे चाहते थे कि परिवार और समाज यह मान लें कि पति की मौत सांप के काटने से हुई है। इस पूरी साजिश में एक सांप शामिल था जिसे एक सपेरे ने चार दिन पहले पकड़कर रखा था। शुरुआत में लोगों ने उस सांप को जहरीला वाइपर समझा, लेकिन फिर यह स्पष्ट हुआ कि वह दरअसल घोड़ा-पछाड़ प्रजाति का रैट स्नेक है, जो नॉन-विषैला होता है और चूहे तथा मेंढक खाते हैं।

पुलिस जांच के दौरान दो सपेरों को गवाह बनाया गया है, जिन्होंने इस मामले में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। दैनिक भास्कर की टीम ने विशेष रूप से उस गांव का दौरा किया जहां से आरोपी ने सांप खरीदा था। महमूदपुर सिखेड़ा गांव में 200 से अधिक सपेरों के परिवार रहते हैं, जो पीढ़ी दर पीढ़ी सांप पकड़ने का काम करते आ रहे हैं। वहां के एक सपेरे प्रीतम ने बताया कि सांप उसे एक स्थानीय घर से पकड़ा गया था, लेकिन उसका पड़ोसी कृष्ण उस सांप को चुरा कर ले गया और अमरदीप को बेच दिया।

अमरदीप ने उस सांप को एक हजार रुपए में खरीदा और कथित तौर पर दो लोगों को डराने के लिए इसे उपयोग करने की योजना बनाई थी। मामले में पुलिस अधिकारियों ने पुष्टि की है कि सभी घटनाएं आपस में जुड़ी हुई हैं और आरोपी जल्द ही न्याय के दायरे में लाए जाएंगे।

रविता की मां ने यह कहा कि पुलिस ने उसकी बेटी पर अत्याचार किया और उससे जबरदस्ती बयान लिए। इसके बावजूद परिवार का कहना है कि रविता को झूठा फंसाया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि हत्या के समय वे सब परिवार के साथ बाहर गए हुए थे और इस साजिश का ज्ञान उन्हें बाद में हुआ।

इस प्रकार का हत्या का मामला न केवल समस्त समाज को झकझोरता है, बल्कि यह हमारे सामाजिक ताने-बाने में गहरे धब्बे भी लगाता है। यह घटना एक बार फिर से हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि परिवार की बुनियाद में क्या गलत हो रहा है, कि इस तरह की खौफनाक साजिशें समाज में जन्म ले रही हैं। पुलिस, स्थानीय समुदाय और सामाजिक संगठनों को मिलकर इस मुद्दे को गंभीरता से लेना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।

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