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राज कपूर की ‘मेरा नाम जोकर’ में बदलाव चाहते थे मनोज कुमार, बेटे कुणाल का चौंकाने वाला खुलासा!

लिजेंडरी अभिनेता मनोज कुमार और राज कपूर के बीच की दोस्ती صنعت में बेहद चर्चित है। हाल ही में, मनोज कुमार के पुत्र कुणाल गोस्वामी ने काफी समय पुरानी फिल्म ‘मेरा नाम जोकर’ के बारे में अपनी यादें साझा कीं। उन्होंने बताया कि उनके पिता मनोज कुमार ने राज कपूर को सुझाव दिया था कि वह इस फिल्म के दूसरे भाग की संपादन का कार्य अपने जिम्मे लें। इस फिल्म की अवधि चार घंटे से अधिक थी और इसे दर्शकों के सामने दो इंटरवल्स के साथ प्रस्तुत किया गया था। कुणाल ने खुलासा किया कि मनोज कुमार ने इस फिल्म में एक छोटा सा किरदार निभाया था, जो उनके लिए विशेष था।

कुणाल गोस्वामी ने विक्की लालवानी से बातचीत करते हुए बताया कि ‘मेरा नाम जोकर’ राज कपूर के लिए जितनी महत्वपूर्ण थी, उतनी ही मनोज कुमार के लिए भी थी। हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही, लेकिन इसका कनेक्शन उन सभी लोगों के लिए बेहद खास बना जो इस फिल्म से जुड़े थे। जब कुणाल ने यह पूछा गया कि क्या मनोज कुमार ने फिल्म का कोई हिस्सा निर्देशित किया था, तो उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पूरी फिल्म का निर्देशन राज कपूर ने ही किया था, लेकिन दोनों के बीच संपादन को लेकर चर्चा हुई थी। कुणाल ने कहा, “राज साहब और मेरे पिता के बीच कुछ बातें हुई थीं, जिसमें मनोज कुमार ने राज कपूर से कहा था कि वह फिल्म के दूसरे हिस्से का संपादन करते हैं ताकि फिल्म का दृष्टिकोण थोड़ा बदल सके। लेकिन मुझे इसकी पुष्टि नहीं है कि यह हुआ या नहीं।”

एक पुराने इंटरव्यू के दौरान मनोज कुमार ने बताया था कि उन्होंने ‘मेरा नाम जोकर’ में अपने किरदार के लिए कुछ संवाद खुद लिखे थे। उन्होंने कहा कि फिल्म की पहली कहानी को उन्होंने दोबारा लिखा, लेकिन यह सब उन्होंने किसी भी नाम, शोहरत, या पैसे के लिए नहीं किया। उन्होंने अपने सफर के दौरान अपने खर्चे खुद उठाए और लेखक के रूप में कोई क्रेडिट लेने से मना कर दिया। उनके लिए ‘मेरा नाम जोकर’ उनके गुरु राज कपूर को एक श्रद्धांजलि थी।

यह फिल्म राज कपूर का ड्रीम प्रोजेक्ट थी, जिसके निर्माण में उन्होंने अपनी पत्नी कृष्णा के सारे गहने गिरवी रख दिए और भारी कर्ज लिया। ‘मेरा नाम जोकर’ भारत की सबसे लंबी फिल्मों में से एक थी। हालाँकि, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही, जिसके कारण राज कपूर को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा। इस कर्ज से उबरने के लिए उन्हें बाद में फिल्म ‘बॉबी’ का निर्माण करना पड़ा, जिसमें उन्होंने अपने बेटे ऋषि कपूर को कास्ट किया, क्योंकि बड़े सितारों को लेने के लिए उन्हें पैसे नहीं थे।

इस प्रकार, ‘मेरा नाम जोकर’ न केवल एक फिल्म थी, बल्कि एक ऐसा प्रोजेक्ट था जिसने ना केवल राज कपूर को बेहद प्रभावित किया, बल्कि यह उनके और मनोज कुमार के बीच की गहरी दोस्ती को भी दर्शाता है। इस अनुभव ने कई सबक सिखाए और फिल्म उद्योग में एक नई दिशा दी। मनोज कुमार और राज कपूर की यह कहानी हमें यह बताती है कि कला में दोस्ती और सहयोग का कितना महत्व होता है।

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