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सीयू में डॉ अंबेडकर पर शुरू होगा सर्टिफिकेट कोर्स : कुलपति

सीयू में डॉ अंबेडकर पर शुरू होगा सर्टिफिकेट कोर्स : कुलपति

धर्मशाला, 15 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के धौलाधार परिसर में अंबेडकर उत्कृष्ट केंद्र द्वारा अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं के लिए पुरस्कार समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो (डॉ ) सत प्रकाश बंसल ने की। अधिष्ठाता अकादमिक प्रो प्रदीप कुमार ने डा. अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला। वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति ने केंद्र की सफलता के संदर्भ में अनेक महत्वपूर्ण सुझाव प्रदान किए। उन्होंने कहा कि डॉ अंबेडकर का जीवन एक मानक जीवन है। इतिहास में उनकी जगह कोई नहीं ले सकता। आत्मविकास को परिभाषित करते हुए उन्होंने इसे डॉ. अंबेडकर के जीवन से जोड़ा।

उन्होंने विद्यार्थियों से आह्ववान किया कि अंबेडकर को न केवल पढ़ना, उनके जैसा जीना, वैसे ही हो जाना और अंबेडकर का आत्मविश्वास लेकर आगे बढ़ना ही आत्मविकास है। डॉ अंबेडकर केवल जातिवाद के ख़िलाफ़ ही नहीं थे, उन्होंने समग्र भारत के निर्माण की बात की थी। प्रतिभा पलायन (ब्रेन ड्रेन) पर बोलते हुए कुलपति ने अंबेडकर के जीवन से प्रेरणा लेने की बात की। हम पहले भारतीय हैं, हम पहले भारत के हैं। जो पहचान और सम्मान हमें अपने देश में मिलता है, वो कहीं बाहर नहीं मिलता। उन्होंने ये भी कहा कि अगर डॉ अंबेडकर के विचारों को पहले ही शिक्षा नीति में जगह दी गई होती तो नई शिक्षा नीति बनाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती। शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पियेगा वो दहाड़ेगा। अंबेडकर का दृष्टिकोण ही था कि कोई भी अशिक्षित नहीं होना चाहिए।

उन्होंने आश्वासन दिया कि अंबेडकर सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस से डॉ अंबेडकर पर सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने अधिष्ठाता अकादमिक को संबोधित करते हुए विविध सुविधाओं को प्रदान करने की बात की। विजेता प्रतिभागी कार्यक्रम के दौरान विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। जिनमें क्विज कंपेटिशन में आईना सनेही (विवेकानंद ग्रुप), पोस्टर मेकिंग में सपना (प्रथम), वर्षा (द्वितीय) एवं प्रतिभा शिल्पा (तृतीय) काव्य पाठ में अरुण (प्रथम), जितेंद्र (द्वितीय), दीक्षा (तृतीय), भाषण प्रतियोगिता में अभय (प्रथम) जितेंद्र (द्वितीय), शुभम् एवं शालिनी (तृतीय )। मंच संचालन डॉ अंकिता शर्मा और धन्यवाद भाषण डॉ. राजकिशोर सिंह ने दिया।

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