स्मार्ट सिटी में गड़बड़ी: सैकड़ों विकास कार्यों की गहन जांच शुरू!
कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के विकास कार्यों में हुई अनियमितताओं की जांच का काम अब तेजी पकड़ रहा है। शासन की अंकुश समिति ने इस मामले में आवश्यक कदम उठाते हुए मंडलायुक्त को जांच करने के लिए निर्देशित किया है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत हुए कार्यों में घोटाले एवं सरकारी धन की निकासी की शिकायतों के चलते यह जांच महत्वपूर्ण बन गई है। हालांकि, एक वर्ष गुजरने के बावजूद, अब तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की जा सकी है।
15 अप्रैल को शासन की एक महत्वपूर्ण बैठक में नगर निगम के आईटी विशेषज्ञों ने अपनी बात रखने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें संतोषजनक उत्तर देने में असफलता मिली। इसके बाद विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने मंडलायुक्त कानपुर को पत्र लिखकर जल्द से जल्द जांच समिति की रिपोर्ट उपलब्ध कराने की आवश्यकता बताई है। यह स्थिति दर्शाती है कि नगर निगम के भीतर कई योजनाओं एवं विकास कार्यों में अनियमितताएँ हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप नए कार्यों के लिए फंड का प्रवाह भी रुक गया है।
इसकी पृष्ठभूमि में यह भी है कि पार्षद मनीष मिश्रा ने विधान परिषद में स्मार्ट सिटी द्वारा किए गए कार्यों से संबंधित कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने नगर निगम के खंभों पर स्मार्ट सिटी के बोर्ड लगाकर बार-बार किए गए भुगतान, तथा परशुराम वाटिका में दो बार भुगतान संबंधित मसलों को सामने लाया है। इसके अतिरिक्त, पार्षद ने यह भी कहा है कि स्मार्ट सिटी ने कई वार्डों की अनदेखी की है, जो कि घोर अनियमितता को दर्शाता है।
विशेष सचिव अरुण प्रकाश ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंडलायुक्त से तीन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर स्पष्ट रिपोर्ट मांगी है। इनमें यह सुनिश्चित करना शामिल है कि क्या शिकायतकर्ता को सुनने के लिए बुलाया गया था और यदि नहीं, तो उन्हें सुना जाए और सभी आवश्यक साक्ष्य इकट्ठा किए जाएं। इसके अलावा, दोहरे भुगतान के मामले में भी स्पष्टता आवश्यक है कि भुगतान के स्त्रोत क्या थे और इसकी ओर समिति को उचित प्रमाणित रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
इस पूरे मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की समिति ने एक साल बीतने के बाद भी किसी किस्म की सक्षम रिपोर्ट नहीं पेश की है, जिससे शासन एवं जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा है। आगामी दिनों में जांच की प्रगति के साथ-साथ, इस मुद्दे पर दी जाने वाली रिपोर्ट से यह साफ होगा कि क्या कानपुर स्मार्ट सिटी परियोजना में वाकई में कुछ गंभीर अनियमितताएँ हुई हैं या फिर यह सब किसी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है। समितियों के सामने रखी जाने वाली रिपोर्ट का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना बहुत महत्वपूर्ण होगा।