राजस्थान में प्राकृतिक कहर: आंधी-बारिश से 2 मौतें, अलवर में बिजली और सिरोही में पेड़ बना काल
राजस्थान में हाल ही में मौसम की मार से दो लोगों की जान चली गई है। शनिवार, 12 अप्रैल को अलवर में एक महिला की जान आकाशीय बिजली की चपेट में आने से गई जब वह खेत में काम कर रही थी। इस हादसे में तीन अन्य लोग भी झुलस गए, जिनका प्राथमिक उपचार कर उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसी तरह, सिरोही जिले में शुक्रवार रात को तेज आंधी के दौरान एक पेड़ गिरने से एक महिला की मौत हो गई। इस अप्रत्याशित मौसम ने प्रदेश के कई हिस्सों में तबाही मचाई।
शनिवार की शाम को मौसम ने अचानक रंग बदला और कई क्षेत्रों में वर्षा शुरू हो गई, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। जयपुर और सीकर में काले बादलों के साथ बारिश के दौरान बिजली की गड़गड़ाहट ने वातावरण को और भी ठंडा कर दिया। सवाई माधोपुर में 20 मिनट तक तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने स्थिति को और भी राहतदायक बना दिया। हालांकि, इस मौसम के परिवर्तन के कारण कई स्थानों पर पेड़ गिरने की घटनाएं भी हुईं। जोधपुर और फलोदी में भी तेज आंधी के साथ बादल छाए रहे।
मौसम विभाग ने नागरिकों को चेतावनी दी है कि ये राहत का समय अस्थायी हो सकता है। पश्चिमी हवाओं के प्रभाव बढ़ने से अगले कुछ दिनों में लू का प्रकोप बढ़ने की संभावना जताई गई है। बीकानेर और जोधपुर संभाग में अगले दो से तीन दिनों में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इस कारण पश्चिमी और उत्तरी राजस्थान के नौ जिलों के लिए हीट वेव का ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है, जिससे लोगों को सचेत रहने की सलाह दी गई है।
देखने में आया है कि जोधपुर-फलोदी क्षेत्र में मौसम में बदलाव के चलते पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिला, जिससे रात का तापमान गिरकर 20 डिग्री से कम हो गया। अलवर, टोंक, पिलानी, सीकर, उदयपुर, चूरू, गंगानगर, बारां, हनुमानगढ़, फतेहपुर, करौली और पाली में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। यहां तक कि हनुमानगढ़ ने 15.7 डिग्री सेल्सियस का न्यूनतम तापमान भी रिकॉर्ड किया, जो इस मौसम के लिए अपेक्षाकृत ठंडा है।
इस प्रकार, राजस्थान का मौसम लगातार परिवर्तनशील बना हुआ है, जिसने ना केवल लोगों को प्रभावित किया है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं का सामना भी कराया है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम की स्थिति को ध्यान से देखें और ज़रूरी सावधानी बरतें, ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके।