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इंजीनियर की नौकरी खत्म: फोन पर अभद्रता के बाद कार्रवाई!

डूडा (जिला नगरीय विकास अभिकरण) के कार्यालय में तैनात संविदा इंजीनियर रवित रंजन के साथ हाल ही में एक विवाद जुड़ गया है। जानकारी के अनुसार, रवित रंजन ने जोनल प्रभारी, रविशंकर के साथ नशे की हालत में आपत्तिजनक तरीके से बातचीत की। इस घटना के बाद जब नगर आयुक्त सुधीर कुमार को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने रवित के कार्यों की गहन जांच कराई, जिसमें कई आवासों के आवेदन लंबित पाए गए। इस लापरवाही के चलते मिशन निदेशक, डॉ. अनिल कुमार ने संविदा कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और उसकी सेवा समाप्त कर दी।

जोन-6 में जोनल प्रभारी के रूप में तैनात रविशंकर के अधीन प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत शहरी क्षेत्र में लगभग 15,000 आवासों के लिए आवेदनों की जांच की जिम्मेदारी थी। इन आवेदनों का सत्यापन और फोटोग्राफी का कार्य जोनल अधिकारियों द्वारा किया जाता है। सभी आवेदनों की सत्यापन रिपोर्ट हर दिन डूडा कार्यालय में भेजी जाती है, और इसकी जिम्मेदारी मुख्य रूप से रवित रंजन पर थी।

हालांकि, बीते शुक्रवार की रात लगभग 12 बजे, रवित रंजन ने जोनल प्रभारी को कॉल किया और आवासों की सत्यापन रिपोर्ट की मांग की। इस दौरान वह नशे में होने के कारण अभद्र तरीके से बात करने लगे। जोनल प्रभारी ने उनकी अभद्रता के कारण कॉल को काट दिया। इसके बाद इस घटनाक्रम की जानकारी जोनल प्रभारी ने नगर आयुक्त सुधीर कुमार को दी, जिससे मामले की जांच शुरू हुई।

जांच में पता चला कि जिले में सैकड़ों आवेदकों के आवेदन पत्र कर्मी के स्तर पर लंबे समय से लंबित पड़े हैं। यह बहुत ही गंभीर स्थिति थी क्योंकि आवश्यकतानुसार आवेदनों को अग्रसारित नहीं किया गया था। इस मामले की रिपोर्ट मिशन निदेशक को भेजी गई, जिसके परिणामस्वरूप डॉ. अनिल कुमार ने रवित रंजन की सेवा समाप्ति का आदेश जारी कर दिया।

इसी बीच, इस पूरे घटनाक्रम के पीछे एक लेखाकार का हाथ भी होने की चर्चा हो रही है। विभाग में इस लापरवाही से जुड़ी कई बातें उभरकर सामने आ रही हैं और कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग रहे हैं। ऐसे में नगर निगम को इस विषय में गंभीरतापूर्वक विचार करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की अनियमितताएं न हों और आवेदकों के हितों का संरक्षण हो सके।

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