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राजस्थान में पेयजल आपातकाल: CM ने मांगा समाधान समयसीमा!

राजस्थान में गर्मियों की शुरुआत के साथ ही पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए जलदाय विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई। बुधवार को हुई इस बैठक में उन्होंने गर्मी के दौरान पेयजल के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इस मौसम में जल आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए नए नलकूप और हैंडपंप लगाए जाएं।

शर्मा ने अधिकारियों को साफ तौर पर निर्देशित किया कि पेयजल की कमी को पूरा करने के लिए टैंकरों की मदद से जल परिवहन की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही उन्होंने पाइप लाइनों, पुराने नलकूपों और हैंडपंपों की मरम्मत कार्यों को समय पर पूरा करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि लोगों को पेयजल समस्या निवारण के लिए बनाये गए राज्य और जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के नंबरों के बारे में जागरूक किया जाए तथा शिकायतों का जल्दी समाधान किया जाए।

मुख्यमंत्री शर्मा ने बिजली कनेक्शन प्राप्त कर नलकूपों और ट्यूबवेल की जल्द से जल्द शुरुआत करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को सुझाव दिया कि प्रत्येक ग्राम में पेयजल योजनाओं से संबंधित कामकाज के लिए दो जल मित्र नियुक्त किए जाएं, ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी सहायता ली जा सके। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने जलदाय विभाग के अधिकारियों से कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट घोषणाओं के तहत किसी भी लंबित कार्य को शीघ्र पूरा किया जाए।

साथ ही, बजट वर्ष 2025-26 के पेयजल परियोजनाओं के लिए वित्तीय स्वीकृति प्राप्त करने के दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। शर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों में पाइपलाइन डालने के साथ-साथ टूटी हुई सड़कों के मरम्मत काम की भी आवश्यकतापूर्तियों पर जोर दिया। उन्होंने जल जीवन मिशन के अंतर्गत चलने वाले कार्यों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए भी विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया।

अंत में, मुख्यमंत्री ने नहरबंदी के कारण प्रभावित जिलों में पेयजल व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जल संसाधनों को पूरी तरह से भरकर रखने का आदेश दिया। इन सभी उपायों के जरिए उनका उद्देश्य है कि गर्मी के इस दौरान लोगों को पेयजल की कोई समस्या न हो तथा प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ पानी मुहैया कराया जा सके। राजस्थान में जल संकट को समाप्त करने के लिए उठाए गए यह कदम स्पष्ट रूप से मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में हैं।

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