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कोरबा : हड़ताल के बावजूद एसईसीएल का कोयला उत्पादन और डिस्पैच रहा जारी

कोरबा : हड़ताल के बावजूद एसईसीएल का कोयला उत्पादन और डिस्पैच रहा जारी

कोरबा, 17 अप्रैल (हि. स.)। देश के कोल इंडिया कंपनी में कोरबा एसईसीएल कोयला खदान टॉप 10 में शामिल है। वहीं भू स्थापितों अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर दिया था, जिसमें कोरबा जिले के सभी खदान बंद थे। वहीं एसईसीएल के अधिकारी सनीश चंद्र, पीआरओ एसईसीएल के अनुसार, बुधवार को हड़ताल के बावजूद एसईसीएल ने 5 लाख टन से अधिक कोयला डिस्पैच किया, जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह ट्रेंड पिछले कई दिनों से जारी है, जो कि एसईसीएल की कार्यक्षमता और उत्पादन क्षमता को दर्शाता है।

गेवरा, दीपका और कुसमुंडा में कल उत्पादन में ह्रास केवल 10 प्रत‍िशत के आस-पास रहा, जो कि एक सामान्य उतार-चढ़ाव है। कुसमुंडा एरिया ने परसों से ज्यादा कोयला डिस्पैच किया, जिससे ह्रास की भरपाई आसानी से की जा सकती है।

एसईसीएल के पास कई मिलियन टन का स्टॉक उपलब्ध है, जिससे कई दिनों तक उपभोक्ताओं को निर्बाध रूप से कोयला दिया जा सकता है। कुछ मेगा प्रोजेक्ट्स डेडिकेटेड रूप से पॉवर प्लांट्स को कोयला भेजती है, जो कि स्वयं भी कुछ सप्ताह का स्टॉक रखती हैं। मेगा प्रोजेक्ट्स में सामान्य ग्रेड का कोयला मिलता है, जो कि मुख्यतया पॉवर सेक्टर को दिया जाता है। इनकी नोटिफाइड प्राइस 1000 रुपये से कम है, जो कि एक किफायती दर है।

सनीश चंद्र ने बताया कि खदान एरिया सीबीए एक्ट व माइंस एक्ट अधिसूचित क्षेत्र व प्रतिबंधित क्षेत्र है, जिसमें बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वर्जित है। देश के लिए कोयले का उत्पादन ‘आवश्यक सेवा’ है और इसमें बाधा करना लॉ एंड ऑर्डर को भंग करने जैसा है।

हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी

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