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कच्चे मकान में आग लगने से जिंदा जले भाई-बहन

कच्चे मकान में आग लगने से जिंदा जले भाई-बहन

उदयपुर, 17 अप्रैल (हि.स.)। पाटिया थाना क्षेत्र के छतरी इलाके में बुधवार रात एक कच्चे मकान में लगी आग से दो नाबालिग जिंदा जल गए। झुलसे मां-बाप चार में से केवल दो ही बच्चों को आग से बाहर निकाल सके। हादसा इतना दर्दनाक था कि मासूम भाई-बहन कुछ मिनटों ही पूरी तरह जल गए। उनकी बॉडी कोयले जैसी हो गई थी। झुलसे पति-पत्नी को डूंगरपुर के हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।

कनबई छतरी इलाके में प्रभुलाल गमेती (48) अपनी पत्नी पुष्पा (42) और चार बच्चों के साथ केलूपोश कच्चे मकान में रहता है। उनके घर के ठीक बाहर उनकी चाय-नाश्ता की दुकान है। बीती रात उनकी झोपड़ी में अचानक आग लग गई। माता-पिता अपने दाे बच्चों को लेकर तुरंत बाहर आ गए, बाकी दाे बच्चे झोपड़ी में ही रह गए। अचानक आग भड़क गई और दोनों बच्चे बाहर नहीं आ पाए।

माता-पिता ने अपने दोनों बच्चों को बचाने की खूब कोशिश की, लेकिन तब तक आग ने पूरे केलूपोश मकान को चपेट में ले लिया। तेज आग के कारण माता-पिता अपने दाे बच्चों को नहीं बचा पाए, बल्कि खुद भी झुलस गए।

आस-पास के लोगों ने पानी डालकर आग बुझाने की खूब कोशिश की, लेकिन वे नाकाम रहे। इससे दोनों बच्चे बेटी जीनल गमेती (14) और बेटा सिद्धार्थ गमेती (8) भीषण आगजनी में जिंदा जल गए। दोनों के शव लकड़ी की तरह बुरी तरह से जल गए और जलने के बाद एकदम कड़क हो गए।

थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रभुलाल गमेती के केलूपोश मकान में भीषण आगजनी में उनकी बेटी जीनल और बेटा सिद्धार्थ जिंदा जल गए। बेटी सरकारी स्कूल में आठवीं में और बेटा तीसरी कक्षा में पढ़ता था। घर में आग का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। दोनों नाबालिगों के शव खैरवाड़ा हॉस्पिटल में रखवाए गए हैं। मृतकाें के माता-पिता का इलाज चल रहा है।

मृतक जीनल सबसे बड़ी बेटी और उसका मृतक भाई सिद्धार्थ सबसे छोटा बेटा था। इन दोनों के बीच दो भाई-बहन हैं जिन्हें समय रहते माता-पिता ने बचा लिया। इसमें 10 साल का बेटा सुमित और नाै साल की बेटी सकीना है।

घायल प्रभुलाल की भाभी गीता बाई ने बताया कि छत पर छोपड़ी और तिरपाल लगा था। पास में बिजली का पोल है जिसका तार छत पर टूट कर गिर गया। इसके बाद घर में आग लग गई। बच्चों को बचाने और आग बुझाने की काफी कोशिश की लेकिन आग नहीं बुझ पाई। ना ही बच्चों को बचा सके।

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