दवा व्यापारी ने घर में फांसी लगा कर की आत्महत्या, कोरोना काल में पिता का निधन!
गोरखपुर में सोमवार को आत्महत्या का एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। यहां राजघाट थाना क्षेत्र के लालडिग्गी से जुड़े तुषार अग्रहरि, जो एक थोक दवा व्यापारी थे, ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। तुषार की उम्र मात्र 24 वर्ष थी और उनके परिवार सफलता का कोई स्पष्ट कारण नहीं बता पा रहा है। चर्चा है कि उनकी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ किसी मुद्दे पर बहस हुई थी, जिससे वह गहरी मानसिक परेशानी में थे, और इसी वजह से उन्होंने यह दुखद कदम उठाया। घटना के बाद से परिवार में शोक और गम का माहौल छा गया है।
तुषार अपनी मां के साथ रहते थे। उनके पिता मनोज अग्रहरि का पिछले कोरोना काल में निधन हो गया था। इस समय के बाद से तुषार ने अपने पिता की दवा की दुकान ‘आनंद फार्मा’ का काम संभाल लिया था, जो भलोटिया में स्थित है। हालाँकि, सोमवार को यह युवा भी इस दुनिया को छोड़कर चला गया। तुषार की बहन की शादी हो चुकी है, जिसके कारण घर में हालात और भी कठिन हैं।
तुषार की मां, जो एक स्कूल में शिक्षिका हैं, सुबह 7 बजे अपने काम पर गईं थीं। घर में तुषार अकेले थे। उनके पड़ोसी और रिश्तेदार, बबलू अग्रहरि, जब वहां से गुजरे, तो उन्होंने तुषार को फांसी पर लटका हुआ पाया। इस स्थिति को देखकर उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचित किया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
तुषार की मौत के बाद उनके घर में चीख-पुकार मच गई है। उनकी मां और बहन गहरे शोक में डूबी हुई हैं। जैसे ही तुषार की मृत्यु की सूचना फैली, रिश्तेदार और शुभचिंतक घर पर आने लगे। सभी लोग उनके परिवार को सांत्वना देने और सहारा देने की कोशिश कर रहे थे। दिन के अंत तक शव को पोस्टमार्टम के बाद घर लाया गया, और उसी शाम तुषार का अंतिम संस्कार किया गया।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की प्रवृत्ति पर चर्चा का विषय बना हुआ है। तुषार की आत्महत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अधिक ध्यान देने की जरूरत है? या युवा पीढ़ी में बढ़ती तनाव और संबंधों की जटिलताओं पर गहनता से विचार किए जाने की आवश्यकता है? यह घटना उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो अपने जीवन में समस्याओं का सामना कर रहे हैं, कि उनके लिए सहयोग और मदद लेना महत्वपूर्ण है।