कारगिल युद्ध के दौरान सुनील शेट्टी का दिल दहला अनुभव: ‘जवानों को देख रो पड़ा’
फिल्म ‘बॉर्डर’ में भैरव सिंह का प्रभावशाली किरदार निभाने वाले अभिनेता सुनील शेट्टी ने हाल ही में एक दिलचस्प चर्चा में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि जब उन्हें यह फिल्म का प्रस्ताव मिला, तो उन्होंने पहले इसे ठुकरा दिया था। इस ठुकराव की एक अहम वजह यह थी कि उन्होंने सुना था कि फिल्म के निर्देशक जेपी दत्ता एक गुस्से वाले इंसान हैं। चंदा कोचर के यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान सुनील ने खुलासा किया, “लोग मुझे हमेशा याद करेंगे, तो वह केवल ‘बॉर्डर’ की वजह से होगा। जब जेपी दत्ता ने मुझे कहानी सुनाई, तब मुझे यह बहुत पसंद आई, लेकिन मैंने तुरंत हां नहीं कहा।”
सुनील ने बताया कि किसी ने उन्हें सलाह दी थी कि जेपी दत्ता के साथ काम करना मुश्किल हो सकता है, इसीलिए उन्होंने फिल्म करने से इनकार कर दिया। लेकिन जेपी दत्ता ने हार नहीं मानी। उन्होंने सुनील की मां से सीधे संपर्क किया और कहा, “मुझे सुनील चाहिए।” इस प्रकार, सुनील ने जिस डर के कारण शुरुआत में मना किया था, वह धीरे-धीरे खत्म हो गया।
सुनील ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि ‘बॉर्डर’ के रिलीज होने के दो साल बाद, जब 1999 में कारगिल युद्ध चल रहा था, तो वह वहां सैनिकों से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा, “युद्ध के बीच जब मैं वहां पहुंचा, तो माहौल बहुत ही गंभीर था। गोलाबारी चल रही थी, लेकिन जवानों ने मुझसे मिलने की इच्छा जताई थी। मैंने एक फॉर्म साइन किया, जिसमें लिखा था कि मैं अपने रिस्क पर जा रहा हूं। इसके बाद हमें बेस कैंप ले जाया गया, जहां ऊपर गोलाबारी जारी थी।”
वहां उनकी मुलाकात एक युवा सिख सैनिक से हुई, जिसका एक हाथ युद्ध में कट चुका था। जब सुनील वहां पहुंचे, तो वह जवान बेहोश था, लेकिन होश में आते ही उसने ‘बॉर्डर’ फिल्म में भैरव सिंह का प्रसिद्ध डायलॉग दोहराना शुरू कर दिया। इस भावुक पल को याद करते हुए सुनील ने कहा, “मैं वही खड़े-खड़े रोने लगा।”
अब, 29 वर्षों बाद, ‘बॉर्डर 2’ का निर्माण होने जा रहा है। इस नए अध्याय में सनी देओल, वरुण धवन और दिलजीत दोसांझ नजर आएंगे। सबसे खास यह है कि अब सुनील शेट्टी की जगह उनके बेटे अहान शेट्टी फिल्म में सेना की वर्दी में दिखेंगे। इससे यह साफ है कि यह नई पीढ़ी अब अपने पिता के प footsteps में चलने का प्रयास कर रही है, और दर्शक इस नए सफर की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ‘बॉर्डर 2’ न केवल एक फिल्म होगी, बल्कि यह युवा पीढ़ी की प्रेरणा का स्रोत भी बनेगी।