News Chetna

सच की ताजगी, आपकी अपेक्षा

UP

AMU में चंद्रशेखर के काफिले पर बवाल: ‘जवाब दो’ के नारों से घेराबंदी, कार्यकर्ता से विवाद

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने शुक्रवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का दौरा किया। इस दौरान वह एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके आगमन पर छात्रों और कार्यकर्ताओं के बीच हलचल देखने को मिली। कई छात्र नेता चंद्रशेखर से सवाल करने के उद्देश्य से उनके पास पहुँचे, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें सांसद से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। इस पर छात्रों और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की प्रारंभ हो गई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। सुरक्षा कर्मियों ने किसी तरह स्थिति को संभाला और कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।

चंद्रशेखर के विश्वविद्यालय पहुंचने पर छात्रों ने उनकी गाड़ी को रोकने का प्रयास किया ताकि वे उनसे बात कर सकें। स्थिति को नियंत्रण में लाने में काफी समय लगा और अंततः सांसद की गाड़ी को वहां से निकाला गया। इस घटना पर चंद्रशेखर ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर एक सांसद को सुरक्षा नहीं मिल रही है और उनकी गाड़ी पर हमला हो रहा है, तो आम जनता की सुरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उन्होंने छात्रों के सवालों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें यह जानने का कोई अंदाजा नहीं है कि छात्र उनसे क्या पूछना चाह रहे थे, क्योंकि उनका प्राथमिक ध्यान शिक्षकों के कार्यक्रम में भाग लेना था।

चंद्रशेखर ने कार्यक्रम के दौरान स्पष्ट किया कि वे अपने समाज के लोगों को न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई सरकार के खिलाफ है, और इसे वे कभी नहीं छोड़ेंगे। समस्त देशवासियों को संविधान के अंतर्गत अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार मिला हुआ है। उन्होंने संभल के जामा मस्जिद मामले का नाम लेते हुए कहा कि ऐसे विवादों में सरकार से सवाल पूछने की आवश्यकता है। हर व्यक्ति को अपने धर्म के अनुसार त्यौहार मनाने की छूट मिलनी चाहिए।

इस दौरान, मथुरा में पीड़ित परिवार को एक लाख रुपए मुआवजे पर भी चंद्रशेखर ने राज्य सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि एक लाख रुपये की राशि आज के समय में इतनी कम है कि उससे मुश्किल से एक बाइक भी खरीदी जा सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सरकार का मजाक है, और पीड़ितों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए।

मथुरा में चंद्रशेखर के काफिले पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया करते हुए उन्होंने शांति बनाए रखी। उनके जवाब में कहा गया कि इस बारे में पुलिस प्रशासन और सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एक मौजूदा सांसद पर इस तरह के हमले संभव हैं, तो साधारण नागरिकों की सुरक्षा का क्या हाल होगा? चंद्रशेखर की बातें स्पष्ट करती हैं कि उनकी आवाज़ न केवल अपने समाज के लिए, बल्कि समस्त नागरिकों के अधिकारों के लिए उठती है।

Leave a Reply