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जानिए: 150 यूनिट फ्री बिजली पाने के लिए क्या करना होगा? आवेदन से सब्सिडी तक!

राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना के तहत एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। इस योजना के अनुसार, यदि उपभोक्ताओं को हर महीने मुफ्त 150 यूनिट बिजली प्राप्त करनी है, तो उन्हें अपनी छत पर सोलर पैनल लगाना होगा। वर्तमान में, जिन उपभोक्ताओं का बिजली उपभोग 150 यूनिट से अधिक है, उनकी संख्या लगभग 27 लाख है। राज्य सरकार ऐसे उपभोक्ताओं को 1.1 किलोवाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट मुफ्त में स्थापित करेगी। वहीं, जिनका बिजली उपभोग 150 यूनिट से कम है, उनके लिए सामुदायिक सोलर प्लांट स्थापित किए जाएंगे।

इस योजना के अंतर्गत उन उपभोक्ताओं को जो 150 यूनिट से अधिक की बिजली का उपयोग करते हैं, सोलर प्लांट लगाने की प्रावधान की जानकारी दी गई है। सरकार के द्वारा उन उपभोक्ताओं को 1.1 किलोवाट के सोलर प्लांट के लिए सब्सिडी के अंतर्गत कुल 95,000 रुपये का लाभ दिया जाएगा। इसमें से 78,000 रुपये केंद्रीय पीएम सूर्य घर योजना से और 17,000 रुपये राज्य सरकार से प्राप्त होंगे। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को बिजली के अन्य शुल्क का भुगतान करना होगा, लेकिन 150 यूनिट तक की खपत पर कोई शुल्क नहीं होगा।

राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी उपभोक्ता के पास सोलर प्लांट लगाने के लिए छत नहीं है, तो उनके लिए सामुदायिक सोलर प्लांट का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना बिजली की पहुंच बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, यदि कोई उपभोक्ता सोलर प्लांट नहीं लगवाता है, तो उसे 100 यूनिट मुफ्त बिजली का लाभ भी नहीं मिलेगा।

जिन उपभोक्ताओं का मुख्यमंत्री निशुल्क बिजली योजना में रजिस्ट्रेशन नहीं है, उन्हें सोलर प्लांट लगाने की अतिरिक्त सब्सिडी नहीं मिलेगी। फिर भी, उन्हें पीएम सूर्यघर योजना के तहत 78,000 रुपये तक की सब्सिडी प्राप्त होगी। इसके अलावा, उनके द्वारा ग्रिड में दी जाने वाली बिजली पर प्रति यूनिट 15 पैसे अधिक भुगतान किया जाएगा, और फ्री इंडक्शन कुकटॉप भी मिलेगा।

सोलर प्लांट लगाने की प्रक्रिया काफी सरल है। उपभोक्ताओं को सबसे पहले अपने राज्य, जिला और विद्युत वितरण निगम का चयन करना होगा, फिर संबंधित जानकारी भरनी होगी। इसके पश्चात, उपभोक्ताओं को सोलर प्लांट के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के बाद, डिस्कॉम द्वारा सुविधा का मूल्यांकन किया जाएगा। यदि उपभोक्ता का लोड कम पाया गया, तो लोड बढ़ाने की आवश्यकता पड़ेगी। अंत में, उपभोक्ता को सोलर प्लांट लगाने वाले अधिकृत वेंडर से संपर्क कर काम शुरू कराना होगा।

सरकार की इस योजना का उद्देश्य न केवल मुफ्त बिजली देना है, बल्कि सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना भी है। इससे न केवल उपभोक्ताओं को लाभ होगा, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी पौष्टिक साबित होगा। राजस्थान सरकार की यह पहल ऊर्जा के नवीनीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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