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हरियाणवी सिंगर पर जयपुर में बैन: गुरुग्राम के बाद अब राजस्थान में हंगामा!

हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा को लगातार दूसरी बार अपने गाने “खटोला-2” की प्रस्तुति के दौरान रोक दिया गया है। इस बार उन्हें राजस्थान के जयपुर में एक लाइव शो के दौरान यह रोक मिली। जब मासूम ने इस गाने का प्रदर्शन शुरू किया, तो वहां तैनात पुलिस ने तुरंत उनके प्रदर्शन को बाधित कर दिया और शो को समाप्त कर दिया। गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को गुरुग्राम में भी उन्हें इस गाने के गाने की इजाजत नहीं दी गई थी, जहां पुलिस अधिकारियों ने स्टेज से उनका माइक छीन लिया और कार्यक्रम को रोक दिया। यह कार्रवाई हरियाणा की सरकार द्वारा गन कल्चर की समस्या के संदर्भ में उठाए गए कदमों के अंतर्गत हुई है, जिसके तहत 9 हरियाणवी गानों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिनमें से 7 गाने केवल मासूम शर्मा के हैं।

जयपुर के लाइव शो के दौरान, मासूम ने पहले कुछ अन्य लोकप्रिय हरियाणवी गाने गाए। जब फैंस ने “खटोला-2” गाने की मांग की, तो उन्होंने पहले इसे बिना म्यूजिक गाया और फिर म्यूजिक पर गाना शुरू कर दिया। जैसे ही वह इस गाने को गाना शुरू करते हैं, पुलिसकर्मी तुरंत स्टेज पर आ गए और उन्हें गाने से रोक दिया। मासूम ने स्थिति को समझाने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने कार्यक्रम को बंद करने का घोषणा की। इस पर नाराज फैंस ने हूटिंग की और अपनी नाराजगी प्रकट की।

गुरुग्राम में भी इसी तरह की एक घटना हुई थी। वहां सिंगर मासूम शर्मा का लाइव शो हो रहा था, जिसमें उन्होंने जैसे ही “खटोला” गाने का प्रदर्शन करना चाहा, वहाँ के ACP ने तुरंत माइक छीन लिया और शो को रोक दिया। पुलिस का दावा है कि मासूम को यह स्पष्ट चेतावनी दी गई थी कि वह गन कल्चर से संबंधित गाने नहीं गा सकते, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस गाने का चयन किया। इस पर वहाँ जमा भीड़ ने काफी हंगामा किया, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सका।

इसी प्रकार के एक और मामले में हरियाणवी सिंगर अमित सैनी रोहतकिया के भिवानी में लाइव शो के दौरान उनकी एक प्रस्तुति को रोका गया। जब फैंस ने “302” गाने की मांग की, तो आयोजकों ने उन्हें गाना बंद करने का संकेत दिया। रोहतकिया ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे अपने प्रस्तुतियों को साफ-सुथरा रखेंगे, क्योंकि उन्होंने पहले ही नकारात्मक छवि का सामना किया है।

ये घटनाएँ न केवल हरियाणा बल्कि समूचे देश में हरियाणवी संगीत और उसके कलाकारों के प्रति बढ़ती प्रतिक्रिया को दर्शाती हैं। कलाकारों पर गाने को लेकर ऐसे प्रतिबंधों ने उन्हें गंभीर रूप से प्रभावित किया है, और अब वे इसे अपने कला के लिए एक चुनौती के रूप में देख रहे हैं। हरियाणवी सिंगर्स खुद को इस हालात से मुक्त करने के लिए संगठित हो रहे हैं और अपनी आवाज़ उठाने को लेकर गंभीर हैं।

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