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हरियाणवी सिंगर के समर्थन में उतरे बॉलीवुड एक्टर, गन कल्चर बैन सही मगर कलाकार पर निशाना गलत!

बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता यशपाल शर्मा ने हरियाणवी गायक मासूम शर्मा के समर्थन में मुखर होते हुए गन कल्चर पर बैन को उचित बताया है, लेकिन उन्होंने इसे एक कलाकार के खिलाफ साजिश के रूप में भी देखा है। उन्होंने कहा कि मासूम शर्मा को निजी नफरत की वजह से टारगेट किया जा रहा है, जो कि सरकारी शक्ति का गलत उपयोग है। यशपाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी को सलाह दी कि उन्हें अपने निर्णय लेने वाली टीम में सही लोगों को शामिल करना चाहिए। ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि सिर्फ गन कल्चर पर ही नहीं, बल्कि डबल मीनिंग और हिंसात्मक गानों पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

हाल ही में हरियाणा सरकार ने मासूम शर्मा के पांच गानों पर बैन लगा दिया है, जिनमें उनके हिट गाने ‘ट्यूशन बदमाशी का’, ‘खटोला-2′ और ’60 मुकदमे’ शामिल हैं। मासूम ने भी सरकार के एक अधिकारी पर गाने बैन करने को लेकर सवाल उठाए हैं। यशपाल ने खुलासा किया कि उन्होंने मासूम शर्मा का ‘एक खटोला जेल के भीतर, एक खटोला बाहर’ गाना सुना है और उसमें उन्हें कुछ भी गलत नहीं लगा। उनका मानना है कि यदि गानों में हिंसा और खूनखराबे की बातें होती हैं, तो उन पर प्रतिबंध सही है, लेकिन ऐसा सभी कलाकारों पर समान रूप से लागू होना चाहिए, न कि केवल एक विशेष कलाकार पर।

यशपाल शर्मा ने साफ कहा कि राज्य सरकार के पास किसी गाने को बैन करने की शक्ति नहीं है। हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जो पहले ट्विटर था) ने भी सरकार के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसमें कहा गया था कि कंटेंट हटाने की शक्ति केवल सरकार की नहीं होनी चाहिए। यशपाल ने यह भी कहा कि अश्लीलता और डबल मीनिंग वाले गाने समाज के लिए खतरनाक हैं और इन पर भी रोक लगानी चाहिए। उन्होंने तर्क किया कि अगर गानों पर कार्रवाई हो रही है, तो फिर अश्लीलता और हिंसा से भरे अन्य माध्यमों पर भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।

यशपाल शर्मा ने मासूम शर्मा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने 36 बिरादरी के कलाकारों को एक मंच पर लाने की कोशिश की है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हरियाणवी संगीत और कलाकारों को सम्मानित करना आवश्यक है। शर्मा ने हरियाणा सरकार की फिल्म नीति पर भी प्रश्न उठाए, यह कहते हुए कि तीन मुख्यमंत्री बदल चुके हैं, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। उन्होंने उम्मीद जताई है कि वर्तमान मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और कलाकारों को एक नया मंच प्रदान करेंगे।

यशपाल शर्मा ने हरियाणा फिल्म पॉलिसी को लेकर सरकार की विफलताओं को उजागर करते हुए कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से काम करना चाहिए। छह साल बीत गए हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि केवल घोषणा की जा रही है, जबकि धरातल पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सैनी से आशा की कि वे फिल्म पॉलिसी को लागू करने के लिए सच्ची कोशिश करेंगे ताकि हरियाणा की फिल्म इंडस्ट्री को समुचित प्रोत्साहन मिल सके।

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