बीटेक छात्र के सुसाइड का रहस्य: प्रयागराज में मां से किया दर्दनाक खुलासा!
प्रयागराज के झलवा में स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) के हॉस्टल में बीटेक के एक मूकबधिर छात्र राहुल मडला ने दुखद तरीके से आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि 22 वर्षीय राहुल ने हॉस्टल की पांचवीं मंजिल से कूदकर जान दी। आत्महत्या से पहले उसने अपनी मां के साथ वाट्सएप पर बात की थी, जिसमें उसने जोर देकर कहा कि उसे अकादमिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। इस घटना ने कई सवाल और आशंकाएं उठाई हैं, खासकर यह जानने की कोशिश कि आखिर राहुल पर किस प्रकार का दबाव था।
कर्नाटका के तेलंगाना निवासी राहुल एक प्रतिभाशाली छात्र था, जिसने जेईई में ऑल इंडिया स्तर पर 52वां स्थान प्राप्त किया था। हालाँकि, पिछले कुछ समय से वह मानसिक तनाव का सामना कर रहा था। संस्थान के अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि वह कई महीनों से कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो रहा था। उसके परिवार का कहना है कि अगर वह कक्षाओं में नहीं जा रहा था, तो इसकी सूचना उन्हें क्यों नहीं दी गई? राहुल का शैक्षणिक प्रदर्शन भी चिंता का विषय था, क्योंकि पहले सेमेस्टर में उसके सभी विषयों में बैक लग गई थी, जिससे वह और अधिक अवसादित हो गया था।
इस मामले में एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि राहुल बोलने और सुनने की क्षमता से अभावग्रस्त था, जिससे उसे अपनी भावनाएं और समस्याएं व्यक्त करने में कठिनाई हो रही थी। कुछ छात्रों का कहना है कि संस्थान में छात्रों पर पढ़ाई के प्रति अत्यधिक दबाव डाला जाता है। यदि कॉलेज प्रशासन पहले से इस मामले में ध्यान देता, तो शायद राहुल को सहायता मिल सकती थी।
राहुल की मां स्वर्णलता और उनके पति ने जब पोस्टमार्टम हाउस में अपने बेटे का शव देखा, तो वे कहने लगे कि “हम रोज वीडियो कॉल करते थे। मुझे विश्वास था कि वह पढ़ाई कर रहा है। अगर हमें पता होता कि वह तनाव में है, तो हम उसकी मदद कर सकते थे।” यह स्पष्ट है कि परिवार वाले राहुल की स्थिति को लेकर अनजान थे, जबकि वह आत्मघाती तनाव का सामना कर रहा था।
संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति में प्रोफेसर जीसी नंदी, प्रोफेसर यूएस तिवारी, प्रोफेसर ओपी व्यास और प्रोफेसर पवन चक्रवर्ती शामिल हैं। यह समिति एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट संस्थान के निदेशक को सौंपेगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि छात्रों की चिंताओं को लेकर एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा ताकि उन्हें सुरक्षा और समर्थन का एहसास हो सके। अंतरिक्ष के माहौल को सुरक्षित और सहानुभूतिपूर्ण बनाने का सामूहिक संकल्प लिया गया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी छात्र अपनी परेशानियों को अकेले न झेले।