शिव मंदिर कांगड़ा कॉलोनी में नए साल की संध्या पर भव्य सत्संग का आयोजन!
**भास्कर न्यूज | अमृतसर**: साल 2025 के आगमन के अवसर पर, गीता मातेश्वरी (जो कि गीता भास्कर के नाम से भी जानी जाती हैं) ने कांगड़ा कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में श्रीमद् भागवत गीता के श्लोकों का पाठ करते हुए एक भव्य सत्संग का आयोजन किया। इस सत्संग में बड़ी संख्या में गीता प्रेमी शामिल हुए और उन्होंने गीता के श्लोकों के माध्यम से इसके गूढ़ अर्थ को संक्षेप में समझाने का प्रयास किया।
गीता मातेश्वरी ने अपने संबोधन में बताया कि यदि मनुष्य नियमित रूप से गीता का पाठ करता है, तो उसके जीवन की समस्त समस्याएं और दुख समाप्त हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि गीता का अध्ययन करने से व्यक्ति को न केवल ज्ञान की प्राप्ति होती है, बल्कि उसके मन में शांति और संतुलन भी आता है। गीता के श्लोकों के माध्यम से, उन्होंने स्पष्ट किया कि जब हम गीता का अनुसरण करते हैं, तो दुख, शोक, और भय से छुटकारा मिल जाता है।
उनका कहना था कि गीता भगवान का अमूल्य उपहार है, जिसे समझना और अपनाना हर किसी के लिए जरूरी है। गीता मातेश्वरी ने गीता को ज्ञान का सागर बताते हुए कहा कि इसकी एक बूँद भी व्यक्ति के जीवन को बदल सकती है। उनकी बातों ने श्रोताओं के मन में गीता के प्रति एक नई जागरूकता और जुड़ाव का अनुभव कराया। उन्होंने सभी को उत्साहित किया कि वे गीता के ज्ञान का अनुसरण करें जिससे वे अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ा सकें।
सत्संग के अंत में, गीता मातेश्वरी ने भक्ति गीत गाकर उपस्थित लोगों का मनोबल बढ़ाया। उनके मधुर स्वर ने सभी गीता प्रेमियों को झूमने और नाचने पर मजबूर कर दिया। भजन के दौरान, उन्होंने लोगों को एकजुट करने और एक नई ऊर्जा का संचार करने का कार्य किया, जिससे प्रभावित होकर सभी ने आनंद लिया।
इस प्रकार, इस विशेष अवसर पर गीता मातेश्वरी ने न केवल गीता के प्रति लोगों की आस्था को पुनर्जीवित किया, बल्कि भक्ति संगीत के माध्यम से समुदाय में एकता और प्रेम का संदेश भी फैलाया। उनका यह कार्यक्रम गीता की महत्ता और उसके संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का एक प्रयास था, जो निश्चित रूप से लोगों के दिलों में गहरे तक उतर गया। उन्होंने सबको प्रेरित किया कि वे गीता का पाठ निरंतर करें और अपने जीवन में इसके शिक्षाओं को लागू करें।