“हस्पिटलों में बिजली हीटर्स पर प्रतिबंध, अल्टरनेट अरेंजमेंट जरूरी”
उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में अब ठंड के मौसम में क्वायल वाले हीटर नहीं लगाए जाएंगे। झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई आग की घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला किया है। अस्पताल प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे इसका पालन कराएं।
यह निर्देश प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से जारी किए गए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि अस्पतालों में ठंड से बचने के लिए केवल हैलोजन हीटर या वार्मर का उपयोग किया जाए। हीटर के उपयोग से पहले यह सुनिश्चित किया जाए कि इलेक्ट्रिक वायरिंग लोड के अनुसार पर्याप्त क्षमता की है या नहीं। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी प्रकार के लूज कनेक्शन इलेक्ट्रिक बोर्ड या हीटर में नहीं हैं।
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश ने बताया कि निर्देशों का सख्ती से पालन किया जा रहा है। वार्डों में निगरानी भी की जा रही है। अस्पतालों में मरीजों को ठंड से बचाने की व्यवस्था को जांचने के लिए हर अस्पताल में एक टीम बनाई जाएगी। इस टीम को बनाने की जिम्मेदारी अस्पताल के प्रभारियों की होगी। यह टीम रोजाना रात 8 बजे और 11 बजे पूरे अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाओं को जांचेगी। इसके अलावा, सुबह 7 बजे भी यह टीम अस्पताल और तीमारदारों के लिए बने रैन बसेरे का दौरा करेगी।
यह टीम अगर किसी व्यवस्था में कमी पाती है, तो उसमें जरूरी सुधार कराना टीम की जिम्मेदारी होगी। स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम झांसी मेडिकल कॉलेज में हुई आग की घटना के बाद उठाया है, जिसमें कई बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यह फैसला किया है कि अब अस्पतालों में क्वायल वाले हीटर नहीं लगाए जाएंगे। इसका मकसद मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।