गोर्खा समाज का गणेश गोदियाल के बयान पर कड़ा विरोध, माफी की मांग
गोर्खा समाज का गणेश गोदियाल के बयान पर कड़ा विरोध, माफी की मांग
देहरादून, 20 दिसंबर 2024 (हि.स.)। उत्तराखंड में नेपाली भाषा के शिक्षकों की भर्ती पर छिड़े विवाद ने तूल पकड़ लिया है। संयुक्त गोर्खा समाज ने कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के हालिया बयान को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। गोदियाल ने नेपाली भाषा के शिक्षकों की भर्ती का विरोध करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में शुक्रवार को संयुक्त गोर्खा समाज की प्रेस वार्ता हुई, जिसमें गोर्खाली सुधार सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा ने बताया कि 16 दिसंबर 2024 को कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया में एक बयान जारी किया था, जिसमें उन्होंने उत्तराखंड में नेपाली भाषा के शिक्षकों की भर्ती का विरोध किया था और कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अब उत्तराखंड में नेपाली भाषा के शिक्षक भर्ती किए जाएंगे। उनका यह बयान गोर्खा समाज के प्रति संकीर्ण मानसिकता और दुर्भावना को दर्शाता है।
थापा ने कहा कि इस तरह के बयान से न केवल गोर्खा समाज, बल्कि पूरे राज्य और देश में निवास करने वाले नेपाली भाषी समुदाय के स्वाभिमान को चोट पहुंची है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुसार, नेपाली भाषा को आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त है और उत्तराखंड में लाखों नेपाली भाषी लोग रहते हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर भारतीय सेना में बलिदान तक महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
गणेश गोदियाल के बयान के खिलाफ गोर्खा समाज ने 18 दिसंबर को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महरा को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। अब संयुक्त गोर्खा समाज ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि गणेश गोदियाल सार्वजनिक रूप से गोर्खा समाज से माफी नहीं मांगते तो गोर्खा समाज अपनी भाषा, संस्कृति और सम्मान की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरकर संवैधानिक तरीके से आंदोलन करेगा।
प्रेस वार्ता में गोर्खा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अभिषेक शाही, गोर्खाली सभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजन क्षेत्री, महासचिव गोपाल क्षेत्री, मीडिया प्रभारी प्रभा शाह आदि उपस्थित थे।