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धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीयता का पाठ, भारतीय संस्कृति की धारा में सराबोर हुए छात्र

धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीयता का पाठ, भारतीय संस्कृति की धारा में सराबोर हुए छात्र

– कुरुक्षेत्र से ऋषिकेश तक संस्कृति ज्ञान परीक्षा ने बांधा छात्रों का ध्यान- सरस्वती विद्या मंदिर का अनोखा प्रयास, संस्कार और शिक्षा का संगम ऋषिकेश, 21 दिसंबर (हि.स.)। पुष्पा बडेरा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज ढालवाला में शनिवार को अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन हुआ। यह आयोजन प्रधानाचार्य विजय बडोनी और परीक्षा प्रभारी जयेंद्र प्रसाद चमोली के निर्देशन में संपन्न हुआ। परीक्षा में कक्षा 4 से कक्षा 12 तक के छात्र-छात्राओं ने बड़े उत्साह और जोश के साथ भाग लिया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य विजय बडोनी ने कहा कि यह परीक्षा छात्रों को धर्म, संस्कृति और राष्ट्रीयता का बोध कराती है। उन्होंने कहा कि इस परीक्षा का उद्देश्य शिक्षा को मूल्यपरक बनाना, समाज को ज्ञान और विज्ञानमय करना है। यह परीक्षा भारतीय सभ्यता, संस्कृति, इतिहास, देश के नायकों और सामान्य ज्ञान के बारे में छात्रों को जागरूक करती है। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन पूरे भारत में कुरुक्षेत्र हरियाणा के तत्वावधान में किया जाता है और देशभर के हजारों विद्यालय इसमें भाग लेते हैं। यह परीक्षा छात्रों को भावनात्मक दृष्टि से शिक्षित करने के साथ-साथ भारतीय मूल्यों और परंपराओं के प्रति जागरूक बनाती है।

शिक्षकों और छात्रों की सहभागिता परीक्षा में विद्यालय के शिक्षकों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। इस आयोजन में शिक्षक वीरेंद्र किशोर गौड़, दिनेश चंद्र सकलानी, अनीता भट्ट, नवनीश शर्मा, प्रभाकर भट्ट, सुनील कुमार राजपूत, बिशन सिंह, आशीष चौहान, दिव्यशंकर नैथानी, नरेश सिंह पुंडीर, विपिन डोभाल, कीर्ति दत्त नौटियाल, विवेक डोभाल, शैलेंद्र सिंह कंडारी, विक्रमा देवी और रमेश गुनसोला उपस्थित रहे।

विद्यार्थियों में उत्साह और जागरूकतापरीक्षा के दौरान विद्यार्थियों ने अपने ज्ञान का प्रदर्शन करते हुए विभिन्न विषयों पर आधारित सवालों के उत्तर दिए। इस परीक्षा ने न केवल छात्रों को उनकी सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराया, बल्कि उनमें नैतिक और सामाजिक मूल्यों की स्थापना में भी सहायता की।

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