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लुधियाना में भरत भूषण आशु का दावा: चुनाव के चलते हुई जेल से देरी!

पंजाब के पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु की पत्नी, ममता आशु, भले ही निगम पार्षद का चुनाव हार गई हों, लेकिन आज उनके परिवार में खुशी का माहौल है। भारत भूषण आशु, जो हाल ही में नाभा जेल से रिहा हुए हैं, को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने टेंडर घोटाला मामले में बड़ी राहत दी है। अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार की एफआईआर को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही, उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) से जुड़े मामले में भी जमानत मिल गई है। उनके परिवार और समर्थकों ने जैसे ही उन्हें उनके निवास पर देखा, उनका स्वागत किया।

भारत भूषण आशु ने अपनी रिहाई के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह भगवान का आभार व्यक्त करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आज सच की जीत हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके खिलाफ जो मामले थे, वे राजनीतिक प्रतिशोध के कारण लगाए गए थे और अब वह निकाय चुनाव पर चर्चा करेंगे। आशु ने कहा कि चुनाव के दिन उन्हें जानबूझकर जेल में रखा गया, जिससे यह साफ है कि राजनीतिक प्रतिशोध ने उन्हें नुकसान पहुँचाया।

उनके खिलाफ वर्ष 2022 में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थीं। आशु ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इन मामलों को रद्द करने की मांग की थी, जिसमें उन्हें राजनीतिक कारणों से फँसाने की बात कही गई। यह आरोप लगाया गया था कि अनाज मंडियों में वाहनों पर फर्जी नंबर प्लेट लगा कर माल की ढुलाई की जा रही थी। इसके अतिरिक्त, टेंडर के लिए आवेदन से पहले विभाग में वाहनों का गलत नंबर दर्ज कराने का भी आरोप उन पर लगाया गया था। आशु पर 2000 करोड़ रुपये के टेंडर घोटाले का गंभीर आरोप था, जिसके चलते उन्हें करीब छह महीने तक पटियाला जेल में बिताना पड़ा था।

22 अगस्त 2022 को पंजाब विजिलेंस ने लुधियाना में स्थित एक सैलून में आशु को बाल कटवाते हुए गिरफ्तार किया था। इस गिरफ्तारी के बाद से उनके खिलाफ जो भी कार्रवाई हुई, उसे उन्होंने राजनीतिक षड्यंत्र बताया। उनके मुताबिक, यह एक सोची-समझी रणनीति थी, जिससे उनके कार्यकर्ताओं को कमजोर किया जा सके। आशु ने अपने समर्थकों के प्रति अपना विश्वास व्यक्त किया और कहा कि वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे।

आगे बढ़ते हुए, भारत भूषण आशु ने उम्मीद जताई कि आने वाला समय उनके और उनके कार्यकर्ताओं के लिए सकारात्मक रहेगा। उन्होंने कहा कि उनकी गैरमौजूदगी में उनके कार्यकर्ताओं ने चुनाव में भाग लिया और वे उनके प्रयासों की सराहना करते हैं। आशु का यह मानना है कि हार-जीत तो चलती रहती है, मगर सच्चाई की जीत अंततः सभी चीजों को सामने लाती है। उन्होंने कहा कि अब वह अपने वर्करों के साथ मिलकर एक नई दिशा में काम करने के लिए तत्पर हैं।

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