News Chetna

सच की ताजगी, आपकी अपेक्षा

Punjab

24 घंटे में पार्टी शिफ्ट: AAP वर्कर की FIR के बाद पंजाब पार्षद का सनसनीखेज कदम!

पंजाब के लुधियाना में हाल ही में हुए एक विवाद ने राजनीति में हलचल मचा दी है। आरोप है कि एक अकाली पार्षद चतरवीर सिंह, जिन्हें कमल अरोड़ा के नाम से भी जाना जाता है, पर आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ता द्वारा मारपीट और किडनैपिंग का मामला दर्ज कराने के बाद वह अचानक AAP में शामिल हो गए। यह घटना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लुधियाना नगर निगम के आगामी मेयर चुनाव से जुड़ी हुई मानी जा रही है, जहां AAP को बहुमत प्राप्त करने के लिए और पार्षदों की आवश्यकता है। अरोड़ा ने वार्ड 20 से चुनाव जीतकर AAP के उम्मीदवार अंकुर गुलाटी को 415 वोटों से हराया था।

22 दिसंबर को, राकेश कुमार नामक AAP के कार्यकर्ता ने चतरवीर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कराया, जिसमें कहा गया कि वह और उनके सहयोगियों ने चुनाव के दौरान उन पर हमला किया था। राकेश के आरोपों के अनुसार, यह घटना 21 दिसंबर को BCM स्कूल के बाहर हुई, जब वह AAP के बूथ पर तैनात थे। अरोड़ा और उनके समर्थक उन पर भड़क गए और कथित तौर पर उन्हें किडनैप करके भामियां रोड के एक सुनसान स्थान पर ले गए, जहां उनकी पिटाई की गई। राकेश का आरोप है कि उन्हें शराब पीने के लिए मजबूर किया गया और गंभीर चोटों की स्थिति में एक खाली प्लॉट पर छोड़ दिया गया।

इस घटना के बाद चतरवीर सिंह अरोड़ा ने 23 दिसंबर को आम आदमी पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया। AAP के मंत्री लालजीत भुल्लर ने उनका पार्टी में स्वागत किया। इस विकास ने आम आदमी पार्टी की स्थिति को और मजबूत किया है, जबकि अकाली दल ने यह आरोप लगाया है कि अरोड़ा पर दबाव बनाने के लिए FIR दर्ज कराई गई। अकाली दल के पूर्व विधायक रणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि अरोड़ा को जोड़ने के लिए यह कदम उठाया गया था और पार्टी उनके मामले में समर्थन प्रकट करने के लिए तैयार है।

इस बीच, लुधियाना पुलिस ने मामले की जाँच का आश्वासन दिया है। डिवीजन नंबर-7 थाने के सब-इंस्पेक्टर भूपिंदर सिंह ने कहा कि मामले में आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। यह मामला न केवल राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे यह भी स्पष्ट होता है कि स्थानीय राजनीति में गंभीर घटनाएं किस प्रकार विकास को प्रभावित कर सकती हैं।

कुल मिलाकर, यह घटना लुधियाना में राजनीति की एक जटिल तस्वीर पेश करती है, जिसमें किडनैपिंग और मारपीट के आरोपों के संदर्भ में राजनीतिक आकांक्षाएं स्पष्ट रूप से सामने आई हैं। देखने की बात होगी कि आगे चलकर इस मामले में क्या कार्रवाई होती है और क्या यह लुधियाना नगर निगम के लिए AAP के भविष्य के अब तक के सबसे महत्वपूर्ण चुनावों को प्रभावित करेगा या नहीं।

Leave a Reply