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मोगा में किसानों का उग्र प्रदर्शन, सरकार पर मंडी बोर्ड खत्म करने का आरोप!

मोगा के किसान जत्थेबंदियों ने आज खनौरी और शंभू बार्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ एक बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया। इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य किसानों की मांगों को नजरअंदाज करने के खिलाफ आवाज उठाना था। प्रदर्शन के दौरान किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि वे किसी भी परिस्थिति में अपने ऊपर होने वाले उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस दौरान कई महिलाएं भी भारी संख्या में उपस्थित रहीं, जो इस संघर्ष में अपनी आवाज उठाने के लिए आगे आईं।

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर, आज पंजाब के विभिन्न हिस्सों में किसानों ने धरना प्रदर्शन कर अपनी असंतोष जताया। मोगा में किसान जत्थेबंदियों ने रोष मार्च निकाला और धरना दिया, जो उनके संघर्ष और एकता का प्रतीक था। इस मौके पर, किसानों ने डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम एक मांग पत्र भी प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने अपनी समस्याओं और संशोधित कानूनों के खिलाफ अपनी नाखुशी जाहिर की।

किसान नेता जगविंदर कौर ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार ने पहले मंडी बोर्ड को खत्म करने के लिए तीन विवादास्पद कानून बनाए थे और अब वह खरड़ा कानून लाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम कॉरपोरेट कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए उठाए जा रहे हैं, जिससे मंडी बोर्ड का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। यदि ऐसा हुआ, तो स्वतंत्रता से अपने उत्पादों की बिक्री करने वाले किसान भी समाप्त हो जाएंगे।

किसानों ने जोर देकर कहा कि वे इन नीतियों का विरोध करते हैं और आने वाले समय में अपने संघर्ष को और तेज करने का संकल्प लिया है। उनका उद्देश्य न केवल अपनी मांगों को मानने के लिए सरकार पर दबाव बनाना है बल्कि किसान समुदाय की स्थिरता और स्वतंत्रता को सुरक्षित रखना भी है। मोगा में जारी यह विरोध प्रदर्शन किसानों की एकजुटता और उनके अधिकारों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस प्रकार का आंदोलन और प्रदर्शन किसानों को एक साथ लाने का कार्य कर रहा है, जिससे उनकी आवाज को और अधिक मजबूत बनाया जा सके। केंद्र सरकार से उनकी मांगों को न मानने का परिणाम आने वाले समय में क्या हो सकता है, यह देखने का समय है। लेकिन स्पष्ट है कि किसान समुदाय अब पीछे हटने को तैयार नहीं है और वे अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे।

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