खन्ना में फिर होगी वोटिंग: ईवीएम टूटने पर राज्य चुनाव आयोग ने दिए आदेश!
खन्ना नगर कौंसिल के वार्ड नंबर 2 में हाल ही में हुए मतदान की प्रक्रिया पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। वोटों की गिनती के दौरान ईवीएम मशीन टूटने की घटना के चलते चुनाव आयोग ने एक बड़ा निर्णय लिया है। वार्ड-2 के मतदान केंद्र-4 पर 23 दिसंबर को दोबारा मतदान करवाने का आदेश दिया गया है। यह प्रक्रिया सुबह 7 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चलेगी। राज्य चुनाव आयोग ने लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर और जिला चुनाव अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे दोबारा मतदान की पूरी व्यवस्था करें। इस दौरान रिजर्व कोटे की नई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का उपयोग किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम करने की भी सलाह दी है। इसके साथ ही, मतदान प्रक्रिया के बारे में वोटर्स को सूचित करने का कार्य विभिन्न तरीकों से किया जाएगा। जमीन पर जाकर प्रचार करने एवं सूचना के प्रसार के लिए अलग-अलग उपाय अपनाने की भी हिदायत दी गई है। इससे पहले, 22 दिसंबर को होने वाली वोटों की गिनती में तीन मतदान केंद्रों की गणना के बाद चौथे मतदान केंद्र की ईवीएम मशीन को तोड़ दिया गया, जिससे पूरे कार्य में रुकावट आ गई।
आपको बता दें कि तीन मतदान केंद्रों के नतीजों में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी सतनाम चौधरी 145 वोटों से आगे चल रहे थे। इस स्थिति को देखकर पूर्व मंत्री गुरकीरत सिंह कोटली की अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देर रात तक धरना दिया। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि जब उनकी स्थिति मजबूत थी, तभी चौथे मतदान केंद्र की ईवीएम को तोड़कर परिणाम को प्रभावित करने की कोशिश की गई। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार पर ईवीएम तोड़ने का आरोप लगाया गया है, जिसके कारण स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
गुरकीरत सिंह कोटली और कांग्रेस जिलाध्यक्ष लखवीर सिंह लक्खा ने आरोप लगाया कि AAP के नेता और उनके समर्थकों ने डंडों की धौंस दिखाते हुए ईवीएम मशीन को तोड़ा। उनका कहना था कि यह एक जानबूझकर की गई कार्रवाई थी, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से की गई। इसी वजह से चुनाव परिणामों की घोषणा रोक दी गई। इस सारे घटनाक्रम ने खन्ना नगर परिषद के वार्ड नंबर 2 के मतदान में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इस प्रकार, खन्ना नगर कौंसिल के वार्ड नंबर 2 में होने वाली दोबारा मतदान प्रक्रिया अब सभी की नजरों का केंद्र बन गई है। चुनाव आयोग की ओर से उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट होता है कि लोकतंत्र को सुरक्षित एवं पारदर्शी रखने के लिए चुनावी प्रक्रिया में कोई भी भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को यह समझना होगा कि लोकतंत्र की रक्षा करना और चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखना उनके मुख्य कर्तव्यों में से है।