लुधियाना का दामोरिया पुल क्यों नहीं हो रहा बंद? रेलवे की तारीखें बदलतीं रहीं!
नई दिल्ली-अमृतसर नई रेल लाइन के निर्माण कार्य के तहत लुधियाना में दामोरिया पुल को 90 दिनों के लिए बंद करने का निर्णय लिया गया है। रेलवे विभाग ने पहले 1 दिसंबर की तिथि घोषित की थी जब यह पुल बंद किया जाएगा, लेकिन अब तक यह फैसला लागू नहीं हुआ है। इससे पहले रेलवे ने 20 और 24 नवंबर को भी पुल के बंद होने की तिथियां निर्धारित की थीं, लेकिन इनमें भी कोई प्रगति नहीं हुई है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि रेल लाइन को डबल करने का कार्य अभी भी अधर में लटका हुआ है।
इस पुल को बंद करने की प्रक्रिया के संदर्भ में रेलवे द्वारा जानकारी देने के लिए संकेतक बोर्ड लगाए गए हैं। इन बोर्डों पर लिखा गया है कि “आगे रास्ता बंद है, दामोरिया पुल का काम चल रहा है” और “रूकावट के लिए खेद है।” हालांकि, वास्तविकता यह है कि पुल अभी भी खुला है और यातायात चालू है। यातायात पुलिस ने किसी भी प्रकार की बाधा से निपटने के लिए वाहन चालकों को मार्गदर्शन करने का प्रयास किया है और इसके तहत एक रोड मैप भी जारी किया गया है।
पुल बंद होने की योजना की जानकारी के सिलसिले में एसीपी ट्रैफिक जतिन बांसल ने कहा कि रेलवे विभाग ने उन्हें किसी भी प्रकार की आधिकारिक सूचना नहीं दी है। उन्हें पहले सूचना दी जाती थी कि पुल बंद करने से दो दिन पहले जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, लेकिन अब तक कोई अपडेट नहीं आया है। वे आश्वस्त करते हैं कि जैसी ही उन्हें इस मामले में कोई सूचना मिलेगी, वे उसे सार्वजनिक करेंगे ताकि लोगों को कोई असुविधा न हो।
इस स्थिति ने स्थानीय निवासियों और वाहन चालकों के बीच चिंता उत्पन्न कर दी है। ऐसा लगता है कि रेलवे के इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए योजना बनाई गई थी, लेकिन कार्यान्वयन के चरण में कुछ गड़बड़ियां आ गई हैं। अनुभवी लोगों का मानना है कि इस तरह की अव्यवस्था के चलते यातायात में समस्या उत्पन्न हो सकती है जब पुल वास्तव में बंद कर दिया जाएगा। नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए यह आवश्यक है कि रेलवे द्वारा जल्द से जल्द सही जानकारी दी जाए ताकि यातायात प्रभावित ना हो।
इस संबंध में रेलवे विभाग को आवश्यक कदम उठाने और जनता को समय पर सही जानकारी देने की जरूरत है। उम्मीद की जा रही है कि रेलवे जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकालेगा और दामोरिया पुल के बंद होने की प्रक्रिया को निर्धारित समय पर प्रभावी बनाएगा। स्थानीय प्रशासन और रेलवे के बीच बेहतर संवाद होने से ही इस प्रकार की समस्याओं का समाधान संभव है।