जालंधर में परिवार पर बदमाशों का कहर, पुलिस की मौजूदगी में मदद नहीं!
पंजाब के जालंधर स्थित शिव नगर में एक भयावह घटना सामने आई है, जहां लगभग आठ हमलावरों ने एक परिवार पर हमला कर दिया। यह पूरी वारदात घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी फूटेज में कैद हो गई। यह घटना थाना डिवीजन नंबर-1 के क्षेत्र में नागरा गेट के करीब हुई। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि हमला करते समय पुलिस उनके सामने ही मौजूद थी, लेकिन पुलिस ने उनकी सहायता करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। परिवार के सभी सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनका इलाज अलग-अलग निजी अस्पतालों में चल रहा है। फिलहाल, पुलिस घटना से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सभी आरोपियों की पहचान में जुटी हुई है।
इस परिवार के एक सदस्य, विजय कुमार ने कहा कि वह शीशा लगाने का काम करते हैं और घटना के समय वह अपने परिवार के साथ शाम लगभग पांच बजे घर में थे। उन्होंने बताया कि करीब साढ़े पांच बजे दो हमलावर आए और उनकी बहन दुर्गा तथा मां के साथ मारपीट करने लगे। आरोपी वहां से भाग निकले, जिसके बाद परिवार तुरंत थाना डिवीजन नंबर-1 में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराने गया। लेकिन उनहोंने आशंका जताई कि आरोपियों का एक समूह उनके घर के बाहर पहले से ही मौजूद था।
जब विजय ने थाने में शिकायत की, तब रात करीब साढ़े आठ बजे वे फिर से घर लौटे, तो आरोपी वापस लौट आए। इस बार उन्होंने घर में घुसकर तोड़फोड़ की और विजय को खींचते हुए बाहर निकाल लिया। इसके बाद अन्य आरोपियों ने भी मिलकर तेज धार वाले हथियारों से बुरी तरह से हमला कर दिया। विजय ने कहा कि जब उनके भाई अजय और पंकज उन्हें बचाने आए, तो उन पर भी हमलावरों ने हमला कर दिया। वहीं, जब उनकी बहन दुर्गा ने उन्हें बचाने की कोशिश की, तब आरोपियों ने उसके हाथ पर तेज धार वाला हथियार मारा। इस हमले में विजय को 6 टांके लगे हैं, जबकि उसके भाइयों को भी चोटें आई हैं।
इस घटना के दौरान, पीसीआर टीम भी मौके पर पहुंच गई थी, लेकिन फिर भी परिवार पर हमले जारी रहे। विजय का कहना है कि जब उनकी परिवार के सदस्य पुलिस की मदद के लिए गुहार लगा रहे थे, तब भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उन्होंने आरोपियों पर उनके फोन और पर्स लूटने का भी आरोप लगाया है। यह बात भी सामने आई है कि विजय और आरोपियों के बीच कोई व्यक्तिगत रंजिश नहीं थी, बल्कि उन सभी ने शराब पी रखी थी, जिस वजह से इस तरह का हमला किया गया। विजय ने बताया कि पहले भी ये आरोपित उन पर हमला कर चुके हैं, लेकिन तब मामले का निपटारा राजीनामे के माध्यम से कर लिया गया था।
इस प्रकार की घटना ने न केवल पीड़ित परिवार को प्रभावित किया है, बल्कि ये सवाल भी खड़ा किया है कि क्या पुलिस सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम है? स्थानीय निवासी इस प्रकार की घटनाओं से खौफ में हैं और स्थिति की गंभीरता को समझते हुए उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।