अबोहर में खतरनाक कुत्ते का हमला, बुजुर्ग की हालत गंभीर!
**अबोहर में बुजुर्ग को कुत्ते ने किया गंभीर रूप से घायल**
अबोहर के गोबिंदगढ गांव में एक चिंताजनक घटना सामने आई है, जहां 78 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति प्यारे लाल को एक खुंखार कुत्ते ने बुरी तरह से नोंचकर घायल कर दिया। यह घटना तब घटी जब प्यारे लाल सुबह अपने गांव के चिकित्सक के पास कान की दवाई लेने जा रहे थे। घटनास्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया।
घटना के समय प्यारे लाल ने जब गली में parked एक कार के पास पहुंचने का प्रयास किया, तभी वहां मौजूद एक कुत्ता उन पर झपट पड़ा। कुत्ते ने विशालकाय हमले के दौरान प्यारे लाल की टांग को अपने दांतों से पकड़ लिया और बुरी तरह से नोंचता रहा। इस भयावह स्थिति में प्यारे लाल ने कुत्ते से बचने के लिए काफी कोशिश की लेकिन कुत्ते ने उनकी टांग को नहीं छोड़ा। चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और अंततः उन्हें कुत्ते के शिकंजे से मुक्त कराया। गांव के निवासी बूटा सिंह ने इसकी जानकारी प्यारे लाल के परिजनों को भी दी।
**कुत्तों के काटने की समस्या बढ़ती जा रही है**
घटना के बाद प्यारे लाल को उसके भतीजे राजिन्द्र के साथ अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल की टीकाकरण इंचार्ज रितु ने बताया कि पिछले महीने दर्जनों मामले सामने आए थे, जब कुत्तों ने लोगों को काटा था। इस महीने में, december तक प्यारे लाल सहित कुल 168 मामले अब तक रिपोर्ट किए जा चुके हैं। कुत्तों के काटने की समस्या अबोहर में गंभीर रूप से बढ़ रही है, जिससे स्थानीय निवासियों के बीच डर का माहौल बन गया है।
प्यारे लाल और बूटा सिंह ने गांव की पंचायत और स्थानीय प्रशासन से विरोध दर्ज कराया है और कुत्तों की बढ़ती हुई संख्या के मामले में शीघ्र कार्रवाई की अपील की है। उनका कहना है कि इस समस्या के बढ़ने से लोगों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो गंभीर परिणाम सामने आ सकते हैं।
**स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी**
अबोहर में इस तरह की घटनाओं की बढ़ती संख्या प्रशासन के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। स्थानीय निवासियों का मानना है कि यदि समय रहते कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो आने वाले दिनों में कोई और भीषण हादसा घटित हो सकता है। लोगों ने पंचायत से आग्रह किया है कि वे इस समस्या को गंभीरता से लें और जल्द से जल्द ठोस उपाय करें ताकि गांव के लोग सुरक्षित रह सकें।
यह घटना न केवल व्यक्तियों की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि यह यह भी दर्शाती है कि पशु संरक्षण के साथ-साथ जनता की सुरक्षा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।