MLA के पीए को थप्पड़ मारने पर फतेहगढ़ साहिब के छः पुलिस कर्मी सस्पेंड!
फतेहगढ़ साहिब के अमलोह में शनिवार को नगर कौंसिल चुनावों के दौरान हुए एक विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इस वीडियो में पुलिसकर्मी दो युवकों के साथ धक्का-मुक्की करते हुए उन्हें थप्पड़ मारते नजर आ रहे हैं। इस घटना ने न केवल सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं, बल्कि पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर चिंता का विषय बना दिया है। इसके परिणामस्वरूप, वीडियो में शामिल सभी आधा दर्जन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।
अमलोह के डीएसपी गुरदीप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि वार्ड नंबर 9 में मतदान के दौरान कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं के बीच तकरार बেঁधने पर पुलिस का हस्तक्षेप करना आवश्यक हो गया था। इसी दौरान, पुलिसकर्मियों ने दो युवकों के साथ उत्तेजना में धक्का-मुक्की की। वायरल वीडियो में पुलिसकर्मियों की इस कार्रवाई ने पूरे मामले को और जटिल बना दिया और इसे लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। डीएसपी ने स्पष्ट किया कि इस मामले में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है।
इस घटना से पहले, अमलोह नगर कौंसिल चुनावों के दौरान वार्ड नंबर 9 में बूथ कैप्चरिंग का आरोप लगाया गया था। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इस मामले में विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद आप पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ झगड़ा भी हो गया था। जब पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, तो इसी दौरान वीडियो में दिखाए गए पुलिसकर्मियों ने दो युवकों के साथ अभद्रता की। उल्लेखनीय है कि एक युवक, जो इस विवाद में शामिल था, वह आम आदमी पार्टी के विधायक गुरिंदर सिंह गैरी वडिंग का पीए बताया जा रहा है।
विडंबना यह है कि इस तरह की घटनाएं निर्वाचन प्रक्रिया में लोकतंत्र की मूल भावना को कमजोर करती हैं। यह जरूरी हो गया है कि चुनावों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों का पूर्ण पालन करना चाहिए। घटना के बाद, विभागीय जांच शुरू करने का निर्णय सही दिशा में कदम है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न उत्पन्न हो।
इस मामले में उठाए गए सवालों के बीच, पुलिस और संबंधित अधिकारियों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। चुनावी प्रक्रिया का सटीक संचालन और सभी नागरिकों का अधिकार सुरक्षित करना, समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसलिए इस तरह के घटनाक्रम पर तुरन्त कार्रवाई करना और जाँच प्रक्रिया को सुनिश्चित करना, नागरिकों के विश्वास को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।