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श्रीराम आश्रम पब्लिक स्कूल में अद्वितीय शिल्प कला प्रदर्शनी का रोमांचक अनावरण!

**अमृतसर में श्रीराम आश्रम पब्लिक स्कूल में “कलायात्रा” शिल्प कला प्रदर्शनी**

अमृतसर के श्रीराम आश्रम पब्लिक स्कूल, द मॉल में हाल ही में वार्षिक शिल्प कला प्रदर्शनी “कलायात्रा” का सफल आयोजन किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में आईपीएस विनीत अहलावत, जो कि अमृतसर ईस्ट के सहायक पुलिस अधीक्षक हैं, तथा पूर्व प्रिंसिपल डीएवी कॉलेज फिल्लोर, डॉ. विश्व बंधु उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित करने के साथ हुई, जिसके बाद मुख्य अतिथि को एक विशेष प्लांटर भेंट किया गया।

विद्यालय की प्रिंसिपल, डॉ. विनोदिता संख्यान ने स्वागत भाषण देते हुए मुख्य अतिथि को सम्मानित किया और विद्यालय की विभिन्न उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रदर्शनी न केवल छात्रों की कलात्मक प्रतिभा को प्रदर्शित करने का एक मंच है, बल्कि यह उनकी मेहनत और रचनात्मकता का भी प्रतीक है। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत में, विद्यालय के नन्हे छात्रों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत करके दर्शकों का मन जीत लिया। विशेष तौर पर, छात्रों ने पंजाब की पारंपरिक नृत्य “मलवई गिद्धा” का प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

प्रदर्शनी के दौरान, डॉ. संख्यान ने दर्शकों को छात्रों द्वारा बनाई गई विभिन्न कलाकृतियों का अवलोकन कराया। छात्रों ने पुनर्नवीनीकरण सामग्रियों का उपयोग करते हुए अद्भुत कलाकृतियां तैयार की थीं। इनमें वॉल हैंगिंग, दर्पण, श्री कृष्णा चरण, फूलदान, विभिन्न कढ़ाई के स्टिचेस, नेम प्लेट आदि शामिल थे। इन कलाकृतियों के माध्यम से विद्यार्थियों ने पंजाबी संस्कृति की विविधता और रंग-बिरंगे पहलुओं को दर्शाया।

इस अवसर पर स्कूल के अध्यक्ष बलबीर बजाज जी ने भी बच्चों के कार्यों की सराहना की और उनके लिए प्रेरणादायक शब्द कहे। उन्होंने बताया कि ऐसे आयोजन न केवल छात्रों की सृजनात्मकता को बढ़ावा देते हैं, बल्कि उन्हें अपने कौशल और प्रतिभा को साकार करने का एक अद्वितीय अवसर भी प्रदान करते हैं।

इस प्रकार, “कलायात्रा” प्रदर्शनी ने न केवल विद्यालय को गौरवान्वित किया, बल्कि छात्रों को अपने आत्म-सम्मान और आत्म-विश्वास को बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान किया। सभी अतिथियों और दर्शकों ने इस विशेष आयोजन की तारीफ की, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ऐसे कार्यक्रम शिक्षा के समग्र विकास में कितने महत्वपूर्ण होते हैं।

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