केंद्र से हक नहीं मिलने पर करेंगे सुप्रीम कोर्ट का रुख : सुक्खु
केंद्र से हक नहीं मिलने पर करेंगे सुप्रीम कोर्ट का रुख : सुक्खु
शिमला, 21 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि वह पोस्ट डिजास्टर नीड असेसमेंट (पीडीएनए) के तहत हिमाचल को मिलने वाली मदद को जारी करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों से अलग-अलग मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद भी केंद्र सरकार पीडीएनए के तहत हिमाचल को उसके हिस्से की मदद जारी नहीं करता है तो हिमाचल सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। वे शनिवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक चंद्रशेखर द्वारा केंद्र से पीडीएनए के तहत मिलने वाली मदद जारी करने की मांग को लेकर नियम-130 के तहत लाए गए प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे। इस दौरान विपक्ष ने खूब हो-हल्ला भी किया और सदन में कुछ देर के लिए हंगामे का माहौल बन गया।
मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में कहा कि कई राज्यों ने इस मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और हिमाचल भी अब इसी तर्ज पर अपनी मदद हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा को पीडीएनए के तहत मिलने वाली मदद केंद्र से जारी करवाने के लिए प्रदेश सरकार की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इस मामले में प्रदेश और जनता के साथ खड़े न होकर दुर्भाग्यपूर्ण काम किया है। भाजपा का इसी तरह का रवैया बीते साल राज्य में आई आपदा के दौरान भी रहा था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने न तो आपदा के समय सरकार का साथ दिया और न ही आज पीडीएनए की मांग के समय सरकार के साथ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को केंद्र से मिलने वाली रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट लगातार कम हो रही है। वर्ष 2020-21 में हिमाचल को 11 हजार 431 करोड़, 2021-22 में 10 हजार 249 करोड़, 2022-23 में 9 हजार 377 करोड़, 2023-24 में 8 हजार 50 करोड़ और 2024-25 में 6 हजार 258 करोड़ और 2025-26 में सिर्फ 2 हजार 575 करोड़ रह गई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल को वित्तीय वर्ष आई आपदा के दौरान 9905.77 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष और 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक का परोक्ष नुकसान हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को पीडीएमए के तहत केंद्र द्वारा जारी राशि कोई खैरात नहीं है। उन्होंने इस दौरान विपक्ष पर भी हमला कहा कि वह रास्ता भटक गया है। इससे पहले प्रस्ताव पेश करते हुए चंद्रशेखर ने केंद्र सरकार पर हिमाचल के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया। उन्होंने पीडीएनए के तहत केंद्र द्वारा रोकी गई राशि को जारी करने के लिए भाजपा से सहयोग मांगा और कहा कि यदि भाजपा चाहती है तो सरकार इसका सेहरा उसके सिर बांध देगी। उन्होंने भाजपा पर देश की विभिन्न राज्यों में जाकर हिमाचल की छवि खराब करने का आरोप भी लगाया।
भाजपा के विपिन सिंह परमार ने प्रस्ताव में हुई चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि कांग्रेस जब सत्ता में आई तो वह घुटनों के बल चल रही थी। केंद्र सरकार द्वारा जारी मदद से सुक्खू सरकार टांगों के बल चलने के लिए खड़ी हो सकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र ने हिमाचल को आधारभूत ढांचे के लिए 11 लाख 11 हजार करोड़ रुपए जारी किए हैं जो हिमाचल की जीडीपी के 3.4 प्रतिशत के बराबर है। इसके अलावा 1 हजार 67 करोड़ पठानकोट-मंडी, 1512 करोड़ रुपए मटौर-शिमला और 13 हजार 787 करोड़ रुपए किरतपुर-मनाली फोरलेन के लिए दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर भारत सरकार से ही पैसा मांगने और फिर उसी का ही आभार तक नहीं जताने का आरोप भी लगाया।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान हंगामे की निंदा की और कहा कि भाजपा विधानसभा की उच्च परंपराओं का निर्वहन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कभी विपक्ष में रहकर सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार नहीं किया और न ही सत्र के अंतिम दिन सदन से गैर हाजिर रहे, लेकिन भाजपा ने यह सब कारनामे नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के नेतृत्व में कर डाले। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष संकट में है। उसकी शीतकालीन सत्र के दौरान खूब भद पिटी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष हमेशा रोता ही रहेगा और कांग्रेस तीन साल बाद दोबारा से सबक सिखाएगी। अग्निहोत्री ने यह भी कहा मुख्यमंत्री को केंद्र से मदद हासिल करने के लिए विपक्ष को नहीं मंत्रिमंडल को दिल्ली जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाजपा हिमाचल और हिमाचलियत के खिलाफ है।
निंदा प्रस्ताव पारित
नियम-130 के तहत लाए गए प्रस्ताव के दौरान विपक्ष द्वारा सदन में किए गए हंगामे के खिलाफ सदन ने आज निंदा प्रस्ताव पारित किया। यह प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने लाया। उन्होंने सदन में घटे घटनाक्रम पर दुख जताया और कहा कि विपक्ष दिशाहीन हो गया है। हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश की जनता में समोसा और मुर्गा कोई मुद्दा नहीं है। इसके बावजूद भाजपा ने इसे मुद्दा बनाने का प्रयास किया जो निंदनीय है। उन्होंने प्रदेश की खस्ता वित्तीय हालत के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया।
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