सीआईएसएफ ने 29वीं अंतर सीएपीएफ वाद-विवाद प्रतियोगिता 2024 जीती
सीआईएसएफ ने 29वीं अंतर सीएपीएफ वाद-विवाद प्रतियोगिता 2024 जीती
नई दिल्ली, 14 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने एक बार फिर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के तत्वावधान में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) द्वारा नई दिल्ली में आयोजित 29वीं अंतर सीएपीएफ वाद-विवाद प्रतियोगिता में ओवरऑल बेस्ट टीम रोलिंग ट्रॉफी जीती है।
यह जीत सीआईएसएफ द्वारा इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी की 10वीं सफल जीत है और यह बल के निरंतर प्रदर्शन और बौद्धिक क्षमता को भी प्रदर्शित करती है। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली यह प्रतियोगिता सीएपीएफ कर्मियों के लिए मानवाधिकार मुद्दों के बारे में अपने ज्ञान और समझ को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है।
एसआई/एक्सई राहुल कुमार और असिस्टेंट कमांडेंट कान्हा जोशी ने हिंदी भाषा वर्ग में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि अंग्रेजी भाषा वर्ग में असिस्टेंट कमांडेंट अक्षय बडोला और असिस्टेंट कमांडेंट भास्कर चौधरी ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। सीआईएसएफ टीम की जीत उनके उत्कृष्ट वक्तृत्व कौशल, गहन शोध और मानवाधिकारों की गहरी समझ के कारण है। राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी (एनआईएसए) में उनके प्रशिक्षण ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
एनएचआरसी वाद-विवाद प्रतियोगिता में मुख्य जूरी ज्योतिका कालरा (एनएचआरसी की पूर्व सदस्य), जूरी सदस्य प्रो. डॉ जीएस बाजपेयी, एनएलयू दिल्ली के वीसी और डॉ ईश कुमार, आईपीएस, पूर्व डीजी, सतर्कता और प्रवर्तन शामिल थे। सभी आठ सीएपीएफ यानी सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एनएसजी, आरपीएफ और असम राइफल्स ने प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसे तीन चरणों में संरचित किया गया था। प्रत्येक चरण के लिए अलग-अलग थीम थी। इसमें मानवाधिकारों के प्रति चिंता रखने वाला पुलिस बल अधिक प्रभावी बनता है, सुरक्षा बल मानवाधिकारों के सर्वोच्च रक्षक हैं और हिरासत में मृत्यु किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है शामिल थे।
यह उपलब्धि मानवाधिकारों के प्रति सीआईएसएफ के समर्पण, जागरूकता को बढ़ावा देने और अपने रैंकों के भीतर बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने को दर्शाती है। यह सीआईएसएफ कर्मियों की उल्लेखनीय प्रतिभा और समर्पण को भी उजागर करता है, जो अपनी पेशेवर जिम्मेदारियों के अलावा, महत्वपूर्ण सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।
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