चंडीगढ़ में सिपाही की दोस्त संग बाउंसर पर तलवार से हमला, अंगूठा कटा!
चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया स्थित सेंट्रा मोल में बुधवार रात को एक मामूली वीडियो बनाने को लेकर हुए विवाद ने खतरनाक मोड़ ले लिया। जानकारी के अनुसार, पंजाब पुलिस का एक सिपाही और उसके साथियों ने बाउंसर पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले में बाउंसर का अंगूठा कट गया और उसे सिर, बाजू और उंगली में लगभग 30 टांके लगने पड़े। घायल बाउंसर की पहचान 31 वर्षीय बरिंदर कुमार के रूप में हुई है, जो कि कैम्बवाला का निवासी है। उसे इलाज के लिए सेक्टर-33 के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्भाग्यवश, इलाज के बावजूद उसका अंगूठा वापस नहीं जुड़ सका।
इंडस्ट्रियल एरिया थाना पुलिस ने बरिंदर के दोस्त सुमित राणा की शिकायत के आधार पर आरोपी सिपाही रमन कुमार और अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास तथा अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इस घटना के बाद भी अभी तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जानकारी के अनुसार, आरोपी सिपाही रमन और अन्य आरोपी फरार हैं। घटना की जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज में हमले का मामला कैद हो गया है, जो कि सुमित के अनुसार घटना के समय की सच्चाई दर्शाता है।
बरिंदर ने बताया कि वह अपने मामा के बेटे रविंदर और दो दोस्तों के साथ पार्टी में गया था। पार्टी के दौरान, रविंदर वीडियो बना रहा था, जिसे लेकर सिपाही रमन ने आपत्ति जताई। बहस के बाद मामला कुछ समय के लिए शांत हो गया, जब रविंदर ने माफी मांगी। लेकिन फिर भी हालात बिगड़ गए, जब बाउंसर ने उन्हें क्लब के बाहर लाने का प्रयास किया। तब अचानक रमन और उसके साथी बेसमेंट में पहुंचे और बिना किसी चेतावनी के उन पर हमला कर दिया। सुमित ने बताया कि हमलावरों के पास तलवारें और डंडे थे, जिसके चलते उनकी संख्या लगभग 7 से 8 थी।
सुमित ने जैसे ही पुलिस को मामले की जानकारी दी, उन्होंने बताया कि हमलावरों ने न केवल बरिंदर की मारा-पीटी की, बल्कि उनसे 40 हजार रुपये, एक सोने की चेन और मोबाइल फोन भी लूट लिए। हमला करने के बाद, सुमित, रविंदर और विनय घायल बरिंदर को सेक्टर-32 के अस्पताल ले गए।
पुलिस इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तीव्रता से छानबीन कर रही है। डीएसपी दिलबाग सिंह ने कहा कि फुटेज को जब्त कर लिया गया है और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने मामले की जांच को प्राथमिकता दी है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। यह मामला न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि समाज में बढ़ते हिंसा के मामलों को भी उजागर करता है।