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बठिंडा: गैस पाइपलाइन को लेकर पुलिस-किसान भिड़ंत, मुआवजे की मांग पर ट्रक लौटाया

पंजाब के बठिंडा जिले के तलवंडी साबो सब डिवीजन के गांव लेलेवाला में गैस पाइपलाइन बिछाने को लेकर किसानों और पुलिस के बीच एक बार फिर टकराव की स्थिति पैदा हुई है। स्थानीय किसानों ने पाइपलाइन बिछाने के कार्य का विरोध करते हुए अपनी असहमति जताई, जिसके परिणामस्वरूप वहाँ भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। यह संघर्ष लंबे समय से जारी है, क्योंकि बठिंडा जिले के किसान गैस पाइपलाइन के लिए अधिग्रहित की गई भूमि का उचित मुआवजा मांग रहे हैं। किसानों और पुलिस के बीच पहले भी कई बार टकराव हो चुका है, जो कभी-कभी हाथापाई तक भी पहुंच गया था।

पुलिस ने गांव में भारी संख्या में बल तैनात कर इस कार्य को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। जैसे ही जानकारी मिली कि गैस पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू हो रहा है, भारतीय किसान यूनियन उग्राहां के नेतृत्व में सैकड़ों किसान मौके पर इकट्ठा हो गए और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। किसान नेता हरजिंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि जब तक उन्हें गैस पाइपलाइन कार्य के लिए उचित मुआवजा नहीं दिया जाता, उनका संघर्ष जारी रहेगा। उनका कहना है कि वे इस मुद्दे पर दृढ़ता से खड़े रहेंगे और बड़ी संख्या में किसान जलापूर्ति वाली जगह पर इकट्ठा होंगे।

किसानों ने सुबह के समय गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए आए ट्रक को घेर लिया था। इस घेराव के बाद, पुलिस ने किसानों को वहां से पीछे हटाते हुए ट्रक को वापस लौटाया। इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच काफी बहस भी हुई, जिससे स्थिति बेहद तनावपूर्ण हो गई। किसान अपनी मांगों के प्रति दृढ़ हैं और उनका कहना है कि जब तक बेहतर समाधान नहीं मिलता, तब तक वे अपने विरोध में कोई कमी नहीं करेंगे।

यह घटना पंजाब में किसान आंदोलनों की एक नई कड़ी है, जो दिखाती है कि किसान अपनी हक हासिल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। गैस पाइपलाइन जैसे विकास कार्यों के लिए स्थानीय समुदायों की राय और उनकी भलाई का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। किसानों की मजबूती और एकजुटता इस संघर्ष को आगे बढ़ा रही है, और आने वाले समय में उनके आंदोलन और तीव्रता पकड़ सकते हैं। सरकारी पक्ष को भी इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए उचित कदम उठाने चाहिए ताकि किसान और प्रशासन के बीच तनाव उत्पन्न न हो।

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