अमृतसर में चोरी की बाइक पर वोट मांगने आया AAP कार्यकर्ता, CCTV ने खोली पोल!
अमृतसर में एक अनोखी घटना सामने आई है, जिसमें एक वर्कर मतदान के प्रचार के दौरान एक नागरिक की बाइक चुरा ले गया। यह घटना वार्ड नंबर-1, श्री गुरु अमरदास एवेन्यू में हुई, जहां आम आदमी पार्टी (AAP) की उम्मीदवार कुलजीत कौर अपने कार्यकर्ताओं के साथ वोट मांगने आई थीं। राहुल मेहता नामक एक स्थानीय निवासी ने बताया कि कल दोपहर उनका घर चुनावी प्रचार के दौरान कई कार्यकर्ताओं से भरा हुआ था। वह और उनके सहयोगियों ने डोर-टू-डोर कैंपेन चलाते हुए दरवाजे खटखटाए और फिर बाहर चुनावी पोस्टर भी लगाए।
हालांकि, कुछ ही समय बाद, राहुल मेहता ने देखा कि उनकी बाइक, जो उनके घर के बाहर खड़ी थी, गायब हो चुकी थी। पहले तो उन्हें विश्वास नहीं हुआ, लेकिन जब उन्होंने सीसीटीवी फुटेज की जांच की, तो उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति, जिसने पहले कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत की थी, वही उनकी बाइक को चुराते हुए दिखाया गया था। फुटेज में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा था कि आरोपी पहले से ही चुनावी पोस्टर लगाने वाले कार्यकर्ताओं के साथ था, और उसी ने बाद में बाइक चुराई।
राहुल मेहता ने इस घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी, लेकिन उनके द्वारा की गई शिकायत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। घटना के बाद, जब आम आदमी पार्टी के दूसरे वर्कर इलाके में फिर से मतदान के लिए लोगों से मिलने आए, तो मेहता ने उन्हें इस मामले के बारे में बताया। हालांकि, उन कार्यकर्ताओं ने यह कहकर इनकार कर दिया कि चोर व्यक्ति उनकी टीम का हिस्सा नहीं था, जिससे स्पष्ट होता है कि इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
यह घटना ना केवल क्षेत्र में सुरक्षा के प्रति एक गंभीर सवाल खड़ा करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि चुनावी प्रचार के दौरान नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं की कार्रवाईयों पर किस कदर ध्यान देना आवश्यक है। ऐसे मामलों में जनमानस की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। पुलिस यदि समय रहते इस मामले का हल निकालने में असफल रहती है, तो यह लोगों में विश्वास की कमी भी पैदा कर सकता है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकता है।
इस प्रकार की घटनाएं स्मरण कराती हैं कि चुनावी प्रचार के दौरान केवल वोट मांगना ही नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति भी जागरूक रहना आवश्यक है। सभी संगठनों को अपने कार्यकर्ताओं की गतिविधियों पर पैनी नज़र रखनी चाहिए, ताकि ऐसी आपराधिक घटनाएं पुनः ना हों। इस संदर्भ में, आम आदमी पार्टी को चाहिए कि वह अपने कार्यकर्ताओं की पहचान करने और उन्हें प्रशिक्षण देने के साथ-साथ ऐसी घटनाओं में सख्त कार्रवाई की जिम्मेदारी ले।