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अद्वैत आश्रम मायावती में धूमधाम से मनाई गई मां शारदा की 172वीं जयंती

अद्वैत आश्रम मायावती में धूमधाम से मनाई गई मां शारदा की 172वीं जयंती

चम्पावत, 22 दिसंबर (हि.स.)। लोहाघाट क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध अद्वैत आश्रम मायावती में स्वामी विवेकानंद के आध्यात्मिक गुरु रामकृष्ण मिशन की सहधर्मिणी मां शारदा की 172वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर स्वामी दिव्यकृपानंद महाराज ने मां शारदा के जीवन और उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।स्वामी दिव्यकृपानंद ने कहा कि मां शारदा रामकृष्ण परमहंस की आध्यात्मिक सहधर्मिणी थीं और रामकृष्ण मिशन में उन्हें श्रीमां के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बताया कि रामकृष्ण परमहंस और शारदा मां का संबंध अलौकिक था और रामकृष्ण देव उन्हें हमेशा मां के रूप में देखते थे।स्वामी दिव्यकृपानंद ने मां शारदा के उपदेशों का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि आप मन की शांति चाहते हैं तो दूसरों के दोषों को न देखें, बल्कि अपने दोषों को देखें। पूरी दुनिया को अपना बनाइए, यहां कोई अजनबी नहीं है। उन्होंने कहा कि शारदा मां ने रामकृष्ण मिशन के सलाहकार प्रमुख के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और समाज सेवा के लिए समर्पित एक मठवासी आदेश की नींव रखी।स्वामी दिव्यकृपानंद ने यह भी बताया कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो धर्म महासभा में भाग लेने के लिए माँ शारदा से आशीर्वाद लिया था। उनके आशीर्वाद के बाद ही स्वामी विवेकानंद ने अमेरिका जाने का निर्णय लिया था।कार्यक्रम में आश्रम प्रबंधक स्वामी सुहृदयानंद, स्वामी ध्यानसठानंद महाराज, चम्पावत के डीएफ़ओ विजय पंत, आईटीबीपी के कमांडेंट धरमपाल सिंह रावत, चम्पावत कलेक्ट्रेट प्रभारी अधिकारी भगवत प्रसाद पांडेय आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

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