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पंजाब-चंडीगढ़ में पराली जलाने में 55% कमी, फिर भी AQI 200 से ऊपर!

चंडीगढ़ और पंजाब में मंगलवार को तापमान में कोई विशेष गिरावट नहीं आई। मौसम में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ, जबकि तापमान सामान्य से 3 डिग्री अधिक प्रमाणित किया गया। मंगलवार की शाम को बठिंडा में अधिकतम तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, वहीं फरीदकोट में यह 34.5 डिग्री तक पहुँचा। चंडीगढ़ की बात करें तो वहां का तापमान भी 32.1 डिग्री पर रहा। मौसम विभाग ने बताया कि पंजाब में बारिश के लिए नागरिकों को और इंतजार करना पड़ेगा। हालांकि, अमृतसर, पठानकोट और गुरदासपुर में बारिश की संभावना बन रही थी, लेकिन अंततः बादल केवल आसमान में ही धुंधला गए।

पंजाब में प्रदूषण की स्थिति में मंगलवार को मामूली सुधार देखा गया। कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 से नीचे रहा, लेकिन चंडीगढ़ में मामला अलग था, जहां औसत AQI 206 के स्तर तक पहुँच गया। प्रदूषण की समस्या को और गहरा बनाते हुए, पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को 219 नए मामले दर्ज किए गए, जिससे इस सीजन में पराली जलाने की कुल घटनाएं 2,356 हो गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 55 प्रतिशत कम हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल इसी अवधि में 5,254 घटनाएं हो चुकी थीं। पिछले वर्ष में कुल 12,112 खेतों में आग लगने की घटनाएं दर्ज की गई थीं। वर्तमान में, सोमवार को फिरोजपुर में 45 घटनाएं, संगरूर में 38 और पटियाला में 22 घटनाएं रिपोर्ट की गईं। इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकारी प्रयासों के कारण पराली जलाने की घटनाएं कुछ हद तक नियंत्रित हो रही हैं।

विभिन्न शहरों में तापमान की बात करें तो चंडीगढ़ में, मंगलवार को अधिकतम तापमान 33.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अनुमान है कि तापमान 20 से 32 डिग्री के बीच बना रहेगा। मोहाली में भी गर्मी का आंकड़ा 35 डिग्री के आसपास था, जबकि पटियाला में तापमान 34.2 डिग्री रहा। अमृतसर का अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री रहा और जालंधर में यह 34.5 डिग्री तक पहुंच गया। लुधियाना में भी तापमान 34 डिग्री तक पहुँचा। कुल मिलाकर सभी क्षेत्रों में मौसम गर्म है, लेकिन बारिश की आस अब भी दूर नजर आ रही है।

इन सभी आंकड़ों के आधार पर यह स्पष्ट है कि चंडीगढ़ और पंजाब में मौसम की स्थिति अब सामान्य है, फिर भी पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए प्रदूषण और पराली जलाने की घटनाओं पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के चलते कोई न कोई सुधार देखने को मिल रहा है, लेकिन पूरी तरह से समस्या का समाधान अभी भी लंबित है।

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