हाई कोर्ट का डीडीए और एमसीडी को निर्देश- सार्वजनिक स्थानों पर अनाधिकृत अतिक्रमण करने पर जुर्माना लगाने को बनाएं नियम
नई दिल्ली, 31 मई (हि.स.)। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को निर्देश दिया है कि वे सार्वजनिक स्थानों पर अनाधिकृत अतिक्रमण करने पर जुर्माना लगाने के लिए नियम बनाएं। जस्टिस रजनीश भटनागर ने ये आदेश दिया है।
जस्टिस रजनीश भटनागर ने कहा कि अगर कोई सार्वजनिक भूमि का अतिक्रमण करता है तो जिस एजेंसी की भूमि होगी वो अतिक्रमित की गई भूमि के हिसाब से उनसे जुर्माना वसूले। कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों जैसे फुटपाथ और रोड पर लोग होर्डिंग, स्टॉल, टेबल और कुर्सी धड़ल्ले से रखे जा रहे हैं। इसकी वजह से पैदल चलने वाले लोगों को रोड पर चलना पड़ता है।
कोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण की वजह से फुटपाथ और रोड का इस्तेमाल करने वालों के जान पर खतरा मंडराता रहता है। वे जब रोड पर चलते हैं तो उन्हें वाहनों से दुर्घटना का खतरा मंडराता रहता है।
हाईकोर्ट ने दिल्ली में भूमि का मालिकाना हक रखने वाली एजेंसियों डीडीए और दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया कि वो अतिक्रमण करने वालों पर जुर्माना लगाने के लिए एक योजना तैयार करें और बसूले गए जुर्माने की उस रकम से लोगों का भला करें। हाईकोर्ट ने कहा कि अतिक्रमण करने वालों से जुर्माना वसूलने के लिए कार्य प्रणाली तैयार करते समय अतिक्रमित भूमि, कितने समय से अतिक्रमण किया गया है और अतिक्रमित किए गए भूमि का बाजार मूल्य इत्यादि पहलूओं का ख्याल रखना चाहिए। हाईकोर्ट ने अपने आदेश की प्रति डीडीए के चेयरमैन और दिल्ली नगर निगम के आयुक्त को अनुपालन करने के लिए भेजने का आदेश दिया।
इस संबंध में याचिका कमलेश जैन ने दायर की थी। कमलेश जैन ने याचिका में कहा था कि बुक्स एंड बीन्स नामक भोजनालय को तेज आवाज में म्युजिक बजाने से रोका जाए। तेज आवाज का म्युजिक सुबह आधी रात तक बजती है जिससे आस पास के लोगों को परेशानी होती है। यहां तक कि खुली जगह का अतिक्रमण कर कुर्सियां और टेबल लगाए गए हैं। याचिका में कहा गया था कि बुक्स एंड बीन्स सार्वजनिक स्थान पर चलता है।