महान वीरांगना लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जयंती मनी, विश्वनाथ धाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम
-माता अहिल्याबाई की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण, सनातन धर्म में अतुल्य योगदान का पुण्य स्मरण
वाराणसी, 31 मई (हि.स.)। महान वीरांगना लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 229वीं जयंती ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि शुक्रवार को उत्साह के साथ मनाई गई। श्री काशी विश्वनाथ धाम में काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अधिकारियों ने माता अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर सनातन धर्म में अतुल्य योगदान का पुण्य स्मरण किया।
मंदिर के अर्चक पं० श्रीकांत मिश्र, न्यास के अधिकारी अपर मुख्य कार्यपालक निखिलेश कुमार मिश्र, एसडीएम शंभू शरण, ओएसडी उमेश प्रताप सिंह तथा अन्य कार्मिकों ने श्रद्धालुओं की उपस्थिति में माता की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाए। धाम में शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होगा। इस दौरान अफसरों ने कहा कि सनातन लोक चेतना को स्फूर्त एवं जीवंत रखने में माता अहिल्याबाई होलकर का अप्रतिम योगदान है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के भी अनेकानेक बार खंडन एवं पुनरोद्धार के संकटपूर्ण इतिहास में वर्तमान स्वरूप में माता अहिल्याबाई होलकर का योगदान अविस्मरणीय है।
जयंती पर ही पाल बघेल धनगर समाज के कार्यकर्ताओं ने अलसुबह अहिल्याबाई घाट पर अहिलेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया। इसके बाद राजेंद्र प्रसाद घाट से जलाभिषेक यात्रा निकाली। यात्रा घाट से दशाश्वमेध होते हुए गोदौलिया, बांसफाटक होते हुए काशी विश्वनाथ धाम में पहुंची। धाम में पाल समाज के लोगों ने डमरू दल के साथ मंदिर में बाबा का जलाभिषेक किया। इसमें समाज की महिलाओं ने भी भागीदारी की। इसके बाद समाज ने प्रदेश शासन से लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश, बाबा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में लगे अहिल्याबाई की मूर्ति का नामकरण व छतरी लगाने, गोदौलिया चौराहे का नाम अहिल्याबाई चौराहा रखने, मंदिर न्यास में पाल समाज के एक व्यक्ति को जगह देने की मांग भी की। जलाभिषेक यात्रा में रामआसरे पाल, रामचंद्र पाल, ओम प्रकाश, राजबली पाल, भैया लाल पाल, सुभाष पाल, कमलेश पाल आदि शामिल रहे।