खत्म हुआ भारत-अमेरिका की तीनों सेनाओं का ‘टाइगर ट्राइंफ’ अभ्यास
– समुद्री चरण में तीनों सेनाओं के विशेष कार्रवाई बल ने अभ्यास में लिया हिस्सा
– होली का त्योहार दोनों नौसेनाओं के कर्मियों ने 25 मार्च को एक साथ मनाया
नई दिल्ली, 31 मार्च (हि.स.)। भारत और अमेरिका की तीनों सेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास ‘टाइगर ट्राइंफ’ विशाखापट्टनम में खत्म हो गया है। अभ्यास का समापन समारोह अमेरिकी जहाज यूएसएस समरसेट पर आयोजित किया गया। दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी के प्रतीक इस अभ्यास का उद्देश्य बहुराष्ट्रीय मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन शुरू करने में सर्वोत्तम प्रथाओं और मानक संचालन प्रक्रियाओं को साझा करना था।
द्विपक्षीय अभ्यास ‘टाइगर ट्राइंफ’ का बंदरगाह चरण 18-25 मार्च को विशाखापट्टनम में हुआ, जिसमें प्री-सेल चर्चा, विषय वस्तु विशेषज्ञ विनिमय, खेल कार्यक्रम, जहाज बोर्डिंग अभ्यास और क्रॉस डेक दौरे शामिल थे। सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के हिस्से के रूप में भारत की जीवंत संस्कृति को प्रदर्शित करने वाला होली का त्योहार दोनों नौसेनाओं के कर्मियों ने 25 मार्च को एक साथ मनाया। इसके बाद 26-30 मार्च तक समुद्री चरण में काकीनाडा और विशाखापट्टनम के पास भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के जहाजों के बीच यूएच-3एच, सीएच-53 और एमएच-60आर हेलीकॉप्टरों से जुड़े क्रॉस डेक हेलीकॉप्टर ऑपरेशन भी किए गए।
इस दौरान संयुक्त कमान और नियंत्रण केंद्र, एचएडीआर संचालन के लिए संयुक्त राहत और चिकित्सा शिविर की स्थापना के लिए काकीनाडा में सैनिकों की लैंडिंग हुई। भारतीय नौसेना की ओर से एक लैंडिंग प्लेटफ़ॉर्म डॉक, लैंडिंग शिप टैंक (बड़े), उनके अभिन्न लैंडिंग क्राफ्ट और हेलीकॉप्टर, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट और लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान शामिल थे। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व मशीनीकृत बलों सहित एक इन्फैंट्री बटालियन समूह ने किया। भारतीय वायुसेना ने एक मध्यम लिफ्ट विमान, परिवहन हेलीकॉप्टर और रैपिड एक्शन मेडिकल टीम को इस अभ्यास के लिए तैनात किया था।
यूएस टास्क फोर्स में एक यूएस नेवी लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक शामिल हुआ, जिसमें इसके अभिन्न लैंडिंग क्राफ्ट एयर कुशन और हेलीकॉप्टर, एक विध्वंसक, समुद्री टोही और मध्यम लिफ्ट विमान और यूएस मरीन भी थे। तीनों सेनाओं के विशेष ऑपरेशन बलों ने भी अभ्यास में भाग लिया। बंदरगाह और समुद्री चरण के दौरान विशाखापट्टनम और काकीनाडा में अमेरिकी समकक्षों के साथ संयुक्त अभियान चलाया। इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच त्वरित और सुचारू समन्वय सक्षम बनाने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के बारे में भी चर्चा हुई।